साल 2015 में हुई थी शादी
एडवोकेट इंद्रजीत सिंह ने बताया कि महू के रहने वाले सैनिक का फरवरी 2015 में महू की ही रहने वाली युवती से शादी हुई थी। एक साल बाद अक्टूबर 2016 में उनकी एक बेटी भी हुई लेकिन इसके बाद उनके रिश्ते बिगड़ने लगे। जब सैनिक ड्यूटी से घर वापस आता तो पत्नी उसे खाना नहीं देती थी, हर छोटी-मोटी बात पर उससे झगड़ा करती थी। शुरूआत में तो सैनिक ने परिवारवालों को बुलाकर समझाने की कोशिश की लेकिन पत्नी नहीं मानी।
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अधिकारियों से की सैनिक पति की झूठी शिकायत
इतना ही नहीं पत्नी ने सैनिक पति की झूठी शिकायत उसके अधिकारियों से भी की थी। जिसमें उसने पति पर मारपीट करने के झूठे आरोप लगाए थे। तब अधिकारियों ने सैनिक पति से स्पष्टीकरण मांगा था और सेना की छवि धूमिल न हो इसलिए मिलकर रहने के लिए कहा था। लेकिन पति परेशान हो चुका था लिहाजा उसने कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर दी। जिस पर लंबी सुनवाई के बाद अब फैसला आया है।