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CG News: सिरपुर को विश्व धरोहर बनाने तैयारी, घर बैठे जान सकेंगे इतिहास

CG News: सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का लोगो और वेबसाइट भी जांच किया गया। जिसके माध्यम से सिरपुर ने डिजिटल युग में कदम भी रख लिया है।

महासमुंदNov 25, 2024 / 03:12 pm

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CG News: सिरपुर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए अब सिरपुर के वैज्ञानिक परीक्षण पर जोर दिया जा रहा है। 2025 के जनवरी माह में नामांकन के लिए आवेदन करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जीआई सर्वे भी किया जा रहा है। वैज्ञानिक आधार पर फाइनल रिपोर्ट तैयार कर एएसआई को जनवरी तक रिपोर्ट भेजा जाएगा। उसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।
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लंबे समय से सिरपुर को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के द्वारा प्रयास किया जा रहा है। पिछले दिनों सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का लोगो और वेबसाइट भी जांच किया गया। जिसके माध्यम से सिरपुर ने डिजिटल युग में कदम भी रख लिया है। वैश्विक जुड़ाव के लिए एक नए अध्याय की भी शुरुआत हो गई है। सिरपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक और पुरातात्विक विरासत को वेबसाइट के माध्यम से विश्व पटल पर प्रस्तुत करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। लोग अब घर बैठे ही सिरपुर के इतिहास के बारे में जान सकेंगे।
सिरपुर को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए 2014 में प्रयास किया गया था, लेकिन उस समय सिरपुर को लिस्ट से बाहर कर दिया गया था। 14 साल बाद फिर से नामांकन करने की तैयारी चल रही है। नामांकन के लिए 11 प्रकार के सर्वे व कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें से 8 पूर्ण हो चुके है। तीन पर कार्य किया जा रहा है। इसमें कंसेप्ट नोट बनाने का कार्य और दस्तावेज तैयार करने का कार्य और जियो मैपिंग का कार्य होना शेष है। सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकारण के सीईओ राजेंद्र राव ने बताया कि सिरपुर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए तैयारी की जा रही है। इस बार वैज्ञानिक परीक्षण पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार नासा और इसरो से सिरपुर के जमीन में होने वाली गतिविधियों के बारे में सेटेलाइट डाटा भी खरीदा गया है। सिरपुर को विश्व धरोहर बनाने के लिए सरकार को भी पहल करना चाहिए और जिला प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए। वर्तमान में डाट संग्रह, वीडियोग्राफी और सर्वे पर ही जोर दिया जा रहा है।

टीलों से निकलेंगे कई रहस्य

सिरपुर महानदी के तट पर बसा है। यह ग्राम पांचवीं शबाब्दी में शरभपुरिया राजा प्रवरदेव के द्वारा बसाया गया था। यह नगर पांचवीं से बारहवीं शताब्दी तक दक्षिण कोसल की राजधानी रहा। तब इसका नाम श्रीपुर था। अब तक हुए उत्खनन में यहां 12 बौद्ध विहार, 14 शिव मंदिर, 5 विष्णु मंदिर, तीन जैन विहार, एक बड़ा बाजार, अन्य आवासीय रचनाएं मिली है। इसके साथ ही कई स्वर्ण, कांसा, प्राषाण प्रतिमाएं, बर्तन, औजार, शिलालेख मिले हैं। इसके अलावा कई टीले की खुदाई होना शेष है। जिससे कई रहस्य निकलेंगे।
सिरपुर के नए अध्ययन में यह भी पता चला है कि भूकंप की वजह से नहीं, बल्कि यह बाढ़ के कारण दबे हुए है। पूर्व में यह 13 किमी क्षेत्र में फैला हुआ था। बड़ा नगर था और बाढ़ के कारण यह नगर डूब गया। सिरपुर क्षेत्र के जमीन में अभी भी कई रहस्य छिपे हुए है, जिसका रहस्य खुलना अभी बाकी है।

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