शासन स्तर पर हुई एक समीक्षा बैठक में यह खुलासा हुआ कि प्रदेश के कई विकास प्राधिकरणों के पास भूमि बैंक नहीं हैं, जिससे वे नई आवासीय योजनाएं लाने में असमर्थ हैं। इनमें अयोध्या,
आजमगढ़, बागपत, बस्ती, बुलंदशहर-खुर्जा, रायबरेली, मेरठ, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर और कपिलवस्तु विकास प्राधिकरण शामिल हैं। वहीं, बांदा और मिर्जापुर के पास 1.5 हेक्टेयर से भी कम भूमि बैंक है।
सरकार का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य शहरों में बढ़ती जनसंख्या के लिए पर्याप्त आवास उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत राज्य सरकार ऐसे प्राधिकरणों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिनके पास भूमि नहीं है, ताकि वे नए आवासीय प्रोजेक्ट्स को विकसित कर सकें।