अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि कांवड़ यात्रा पूरे राज्य में सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से हो। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा, हमने मांस व्यापारियों से संपर्क किया है और उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि खुले में मांस की बिक्री न हो। व्यापारियों ने हमें इस निर्देश पर अमम का आश्वासन दिया है। वहीमं, बिजनौर के पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने कहा कि उन्होंने भी मांस व्यापारियों से इसी तरह की अपील की है, जिन्होंने भरोसा दिलाया है कि कांवड़ियों के रास्ते में मांस की बिक्री नहीं होगी।
मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह के अनुसार मार्ग में पड़ने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों और भोजनालयों के संचालकों से भी कहा है कि वे दाम को लेकर कांवड़ यात्रियों के साथ किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए अपने मेन्यू को कीमत सहित प्रमुखता से दर्शाएं। इसके साथ चिकन-मटन प्रतिबंधन में भी आश्वासन लिया।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, हरिद्वार (उत्तराखंड) पहुंचने के लिए लाखों श्रद्धालु पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, मेरठ, गाजियाबाद और बागपत जिलों से गुजरते हैं। दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान से कांवड़िये उत्तराखंड पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 58 का रास्ता अपनाते हैं। यह राजमार्ग गौतम बौद्ध नगर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ से होकर गुजरता है और रुड़की (उत्तराखंड) होते हुए हरिद्वार पहुंचता है। इस मार्गों पर मांस की बिक्री पर रोक लगेगी।