दारा सिंह चौहान ने ली मंत्री पद की शपथ, जानिए पूरा राजनीति सफर
बीजेपी (BJP) और आरएलडी (RLD) के बीच गठबंधन होने से वेस्ट यूपी में चुनावी समीकरण ही बदल गए हैं। एनडीए में शामिल होने के बाद से ही रालोद को बारी- बारी से तोहफे पर तोहफे मिल रहे हैं। जहां मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर पूरे चौधरी परिवार को खुश किया था। इतना ही बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए जाटों को साधने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। वहीं, जयंत चौधरी ने पीएम मोदी के 400 पार के सपने को साकार करने का इरादा ठान लिया है।
आरएलडी कोटे से बने मंत्री अनिल कुमार (Anil Kumar) का राजनीति सफर ननिहाल के गांव कसियारा से शुरू हुआ। अनिल कुमार के मामा जसवीर सिंह (Jasveer Singh) गांव के प्रधान और रोहाना गन्ना समिति के चेयरमैन रहे। दो दशक पहले यहीं से अनिल कुमार ने बसपा (BSP) से अपनी राजनीति की शुरुआत की। साल 2007 में चरथावल विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े। अनिल कुमार ने भाजपा के रामपाल सिंह (Ram Pal Singh) को 1, 873 वोटों से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे।
साल 2012 में परिसीमन के बाद सुरक्षित सीट पुरकाजी (Purquazi) बनाई गई। इसके बाद यहां से अनिल कुमार बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे। अनिल कुमार 53, 491 वोट हासिल कर कांग्रेस के पूर्व मंत्री दीपक कुमार को 8,908 वोटों से हराया। वहीं, सपा प्रत्याशी उमा किरण तीसरे और भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्राची आर्या (Sadhvi Prachi) चौथे नंबर पर रही।
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2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अनिल कुमार बसपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया। गठबंधन में पुरकाजी सुरक्षित सीट रालोद के हिस्से में चली गई। इसके चलते अनिल कुमार रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़े और भाजपा के प्रमोद ऊटवाल को हरा दिया। रालोद और बीजेपी का गठबंधन के चलते मंगलवार को अनिल कुमार योगी कैबिनेट में मंत्री बन गए हैं।