पीड़ित पति दिलीप ने पुलिस को दिए गए अपने प्रार्थना-पत्र में बताया कि घटना के दौरान उसकी पत्नी और उसके परिवार वालों ने उसके कपड़े फाड़ दिए, उसकी चेन और रुपये लूट लिए और जान से मारने की धमकी भी दी। पूरा वाकया मीडिएशन सेंटर की काउंसलर आरती के सामने हुआ।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह के मुताबिक, पीड़ित पति दिलीप की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। पुलिस इस बात की पुष्टि कर रही है कि क्या सच में पत्नी और उसके परिवार ने मिलकर इस तरह की घटना को अंजाम दिया।
इस मामले ने मीडिएशन प्रक्रिया की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि घटना के दौरान पुलिस और महिला पुलिसकर्मी की उपस्थिति होने के बावजूद ऐसी हिंसक घटना को नहीं रोका जा सका। अभी तक पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है और जांच के बाद मिले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
यह घटना मीडिएशन सेंटर के अंदर सुरक्षा इंतजामों को लेकर कई सवाल खड़े कर रही है। यह घटना घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों के समाधान के लिए बनी प्रक्रियाओं के अंदर सुधार की जरूरत को दर्शाती है। पुलिस की जांच जारी है, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।