वीर सावरकर की तस्वीर विधान परिषद से हटाने की मांग, फोटो को भाजपा के संसदीय कार्यालय में लगाने की मांग
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है
वीर सावरकर की तस्वीर विधान परिषद से हटाने की मांग, फोटो को भाजपा के संसदीय कार्यालय में लगाने की मांग
लखनऊ. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। यूपी विधान परिषद के मुख्य गेट के नवसृजित चित्र विथीका में वीर सावरकर की तस्वीर लगाई गई है। इसको लेकर कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने आपत्ति जताई है और विधान परिषद के सभापति को पत्र लिखकर फोटो हटाकर भाजपा के संसदीय कार्यालय में लगाने की मांग की है।
भाजपा के संसदीय कार्यालय में फोटो लगाने की मांग कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर कहा कि कुछ दिनों पहले ही सरकार ने विधान परिषद की मरम्मत व सौन्दर्यीकरण करवाया था। लेकिन इसी दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूमने वाले महापुरूषों की तस्वीरों के बीच सावरकर की भी तस्वीर लगा दी गई। यह उन महापुरुषों का अपमान है।
जिन्ना की तरह दो राष्ट्र की मांग करते थे सावरकर एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि वीर सावरकर अंग्रेजों से माफी मांगने वाले, उनके साथ मिलकर देश के विरुद्ध लडऩे वाले, मोहम्मद अली जिन्ना की तरह दो राष्ट्र की मांग करते थे। खुद को बचाने के लिए अंग्रेजों से माफी मांगने वाले को सिर्फ भाजपा की स्वतंत्रता सेनानी मान सकती है। विधान परिषद में प्रशिक्षण-भ्रमण पर आने वाले अधिकारी और छात्र यहां से क्या प्रेरणा लेंगे। कांग्रेस ने मांग की कि सावरकर के चित्र को विधान भवन के मुख्य द्वार से हटाकर भाजपा के संसदीय कार्यालय में लगा दिया जाए। यही नहीं, एमएलसी दीपक सिंह ने सावरकर का विरोध जताते हुए यह भी कहा कि सावरकर ने अंग्रेजों के साथ मिलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज की खिलाफत की थी।