यूपीपीसीएल के एमडी को सीएम योगी ने किया निलंबित वाराणसी. विकास कार्यों की समीक्षा के लिए वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक से नदारद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक सरोज कुमार को निलंबित कर दिया। समीक्षा बैठक के दौरान शाही नाले की सफाई में देरी पर उन्होंने चीफ इंजीनियर को बैठक में खड़ा कर दिया और बोले, यह अंतिम मौका दे रहा हूं। सीएम के सख्त रूख के चलते अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा। सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता के काम में लापरवाह अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। जनता से जुड़ी परियोजनाओं की देरी के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करके उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं की योजना बनाई गई थी उनके शिलान्यास की तैयारी कराई जाए। पूरी हो रही परियोजनाएं और उसके आसपास बेहतर माहौल बनाकर रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं।
मवेशी चर गए फसल, किसान ने लगाई फांसी बांदा. उत्तर प्रदेश के बांदा में मूंग की फसल अन्ना मवेशियों द्वारा सफाचट कर जाने से क्षुब्ध किसान ने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन मृतक किसान पर लगभग एक लाख रुपये बैंक कर्ज बता रहे हैं। अतर्रा थाना क्षेत्र के नंदना गांव में ललक सिंह (52) परिवार से अलग पत्नी के साथ दूसरे मकान में रहकर खेती बाड़ी करता था। शुक्रवार को सुबह खेत से घर आया और कमरे में दुपट्टे से फांसी लगाकर जान दे दी। कुछ देर बाद पत्नी कमरे में पहुंची तो शव सीलिंग हुक में फंदे पर लटक रहा था। परिजनों ने तुरंत उसे फंदे से उतारा और जिला अस्पताल लाए, जहां डाक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मर्च्युरी में रखवा दिया। इस मामले में मृतक के भतीजे लवलेश ने कहा कि ललक सिंह के नाम आठ बीघा जमीन है। उसने खेत में मूंग की फसल बोई है। वह खेत गया तो काफी तादाद में फसल सफाचट और चौपट मिली। फसल अन्ना पशु चर गए थे। बताया कि वापस घर आया और पत्नी को घी पकाने के लिए भेज दिया।
शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले के लिए जुलाई में आवेदन लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के तबादले के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में ऑनलाइन आवेदन लेने की तैयारी है। शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने आवेदन के लिए तैयार सॉफ्टवेयर का डेमो देखा है। पहली बार ऑनलाइन माध्यम से आवेदन तो दो महीने पहले ही लेने की योजना थी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण टालना पड़ गया। अब शासन से स्थानान्तरण की अनुमति मिलने के बाद फिर से सक्रियता बढ़ी है। इसी के साथ स्थानांतरण की पिछले चार दशकों से चली आ रही नौ चरणों वाली जटिल और भ्रष्ट व्यवस्था से शिक्षकों को छुटकारा मिल जाएगा।