मोबाइल से ऐसे दर्ज होगी शिकायत
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूरी व्यवस्था ऑनलाइन बनाने में सॉफ्टवेयर तैयार कराने में थोड़ा वक्त जरूर लग गया है लेकिन अब जो सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। इसमें विद्युत उपभोक्ताओं जैसे ही कोई समस्या अपने मोबाइल से हमारे कंप्लेंट सेंटर पर दर्ज कराएगा, तुरंत उपभोक्ता की शिकायत लाइनमैन से लेकर अधिशासी अभियंता से होते हुए निदेशक स्तर तक के मोबाइल ऐप पर दिखाई देने लगेगी। इसका फीडबैक उपभोक्ता को भी मैसेज के माध्यम से प्राप्त हो जाएगा।
नहीं दूर हुई समस्या तो 60 दिन में मुआवजा
यदि निश्चित समय के अंदर अगर उपभोक्ता की किसी भी समस्या में बिजली कंपनियां देरी करेंगे तो उपभोक्ता का पूरा मामला मुआवजा कानून का पात्र हो जाएगा। जब उपभोक्ता अपने मोबाइल या कंप्यूटर किसी भी माध्यम से ऑनलाइन मुआवजा की मांग करेगा, उसकी कार्यवाही शुरू हो जाएगी। नियमानुसार व्यवधान के लिए बिजली कंपनियों को जो मुआवजा देना होगा, उसके बिजली बिल में जुड़ जाएगा। इसके बाद अधिकतम 60 दिन में उपभोक्ता को मुआवजा देना होगा।
इन समस्यों पर मिलेगा मुआवजा
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष के अनुसार आवजा प्रावधान को जब पूरी तरीके से ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा, तो निश्चित ही प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के साथ कोई धोखाधड़ी नहीं हो पाएगी। मीटर रीडिंग के मामले में 200 रुपये प्रत्येक दिन, श्रेणी परिवर्तन के मामले में 50 रुपये प्रतिदिन, फर्जी बकाया को आगे ले जाने के मामले में 100 रुपये प्रति चक्र, अंडरग्राउंड केबल ब्रेकडाउन 100 रुपये प्रतिदिन, कॉल सेंटर के मामले में रिस्पांस न देने पर 50 रुपये प्रतिदिन, विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के लिए सब स्टेशन की स्थापना 500 रुपये प्रतिदिन, नया कनेक्शन अतिरिक्त भार जहां आपूर्ति नेटवर्क विस्तार 250 रुपये प्रतिदिन, बिलिंग शिकायत भार में कमी 50 रुपये प्रतिदिन, डिफेक्टिव मीटर सामान्य फ्यूज 50 रुपये प्रति दिन मुआवजे की राशि निर्धारित है। समय से समस्या का समाधान नहीं होगा, तो उपभोक्ता को मुआवजा देना पड़ेगा।