उत्तर प्रदेश में करीब दस हजार बसें एक साथ बंद होंगी। इससे लाखों यात्रियों के आवागमन में प्रभाव पड़ेगा। मालूम हो कि आंकड़ों के अनुसार एक दिन में तकरीबन दस लाख यात्री बसों के माध्यम से सफर करते हैं। ऐसे में न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा बल्कि आम जनता के लिए भी भारी समस्या है।
रेलवे के स्टेशन मास्टर भी नाराज
रोडवेज ही नहीं बल्कि भारतीय रेलवे के स्टेशन मास्टर्स भी नाराज है। इसी लिए बीते दिनों ट्रेनों के चक्का जाम करने की तैयारी में भी थे। हालांकि अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए ऐसा करने नहीं दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय का कहना है कि स्टेशन मास्टरों की मांग की सूची रेलवे बोर्ड के सीईओ को भेज दी गई है। रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाना चाहिए। सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना। स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना चाहिए। इन मांगों को पूरा करने के लिए मंत्रालय और सरकार से अपील की है।