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लखनऊ

UP Police: दरोगा की पत्नी की गुहार: प्यार में भूला कर्तव्य, दर-दर भटक रही मां और बच्चे की कहानी

UP Police:उत्तर प्रदेश के एक दरोगा की करतूत सामने आई है, जिसने सिपाही से दरोगा बनने के बाद अपनी पत्नी और बच्चे को छोड़ दिया है। महिला अब अपनी और बच्चे की जरूरतों के लिए दर-दर भटक रही है। महिला ने लखनऊ के पुलिस आयुक्त कार्यालय में अपनी व्यथा सुनाई और अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिला सुरक्षा और अपराध के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति के बावजूद, ऐसी घटनाएं कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।

लखनऊSep 07, 2024 / 11:22 am

Ritesh Singh

Domestic Violence

Domestic Violence

UP Police: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात एक दरोगा की पत्नी ने अपनी पीड़ा को पुलिस अधिकारियों के सामने उजागर किया है। गौतमबुद्ध नगर जनपद की निवासी इस महिला की शादी वर्ष 2020 में बरेली में तैनात एक सिपाही से हुई थी। शुरुआती दिनों में सब कुछ ठीक रहा, लेकिन जल्द ही हालात बदलने लगे। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति का एक महिला सिपाही से प्रेम संबंध हो गया और इसके बाद उसने अपनी पत्नी के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार शुरू कर दिया।
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अपने वैवाहिक जीवन को बचाने के लिए महिला अपने ससुराल में रहकर संघर्ष करती रही। इस बीच, सिपाही ने दरोगा की परीक्षा पास कर ली और उसकी तैनाती लखनऊ कमिश्नरेट के मध्य जोन के एक थाने पर हो गई। दरोगा बनने के बाद उसने अपनी पत्नी से पूरी तरह से मुंह मोड़ लिया और उसे बेसहारा छोड़ दिया।
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महिला ने आरोप लगाया कि जब वह अपने पति को फोन करती है, तो अक्सर फोन महिला सिपाही उठाती है और उसे गालियां देती है। पति ने अपने माता-पिता को शहर में शिफ्ट कर दिया है, जबकि वह अपने छोटे बच्चे के साथ ससुराल में अकेली रह रही है। उसका कहना है कि पति ने खाने-पीने तक का खर्च देना बंद कर दिया है, जिससे वह एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गई है।
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महिला शुक्रवार को अपने पिता और भाई के साथ लखनऊ के पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंची और अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई। उसकी आपबीती सुनने के बाद अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

महिला की व्यथा और न्याय की उम्मीद

महिला के इस दर्दनाक संघर्ष ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं की स्थिति और उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद, इस प्रकार की घटनाएं महिला सुरक्षा के प्रति पुलिस विभाग की गंभीरता को दर्शाती हैं।
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इस घटना ने समाज के सामने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है: क्या हमारी पुलिस बल में ऐसी घटनाएं महिलाओं के प्रति न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगी? महिला सुरक्षा की दिशा में अधिक कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
अगर दरोगा की पत्नी को मदद चाहिए तो उसके पास कुछ विकल्प हैं जिनके जरिए वह न्याय पा सकती है:

1. पुलिस अधिकारियों से संपर्क

पुलिस आयुक्त कार्यालय: महिला पहले ही लखनऊ के पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंच चुकी है। वहां पर उसने अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस अधिकारियों ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क: अगर स्थानीय स्तर पर कार्रवाई में देरी हो रही है, तो महिला पुलिस महानिदेशक (DGP) या महिला आयोग जैसे उच्च अधिकारियों से संपर्क कर सकती है।

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2. महिला हेल्पलाइन


1090 महिला हेल्पलाइन: यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए संचालित एक सेवा है। यहां महिला अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है और मदद मांग सकती है।

3. महिला आयोग


राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW): महिला अपनी शिकायत सीधे राष्ट्रीय महिला आयोग को भेज सकती है। आयोग इस मामले की जांच करवा सकता है और उचित कार्रवाई सुनिश्चित कर सकता है।

4. अदालत में कानूनी कार्रवाई


परिवार न्यायालय में केस दर्ज: महिला घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और भरण-पोषण का केस दर्ज कर सकती है।
धारा 125 (CRPC): भारतीय कानून की इस धारा के तहत वह अपने और अपने बच्चे के लिए भरण-पोषण की मांग कर सकती है।

5. महिला संगठनों से मदद


महिला संगठनों या एनजीओ से संपर्क करके भी महिला अपनी मदद के लिए अपील कर सकती है। ये संगठन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में सहायक हो सकते हैं और कानूनी मदद भी उपलब्ध करवा सकते हैं।

6. मीडिया की सहायता


यदि स्थानीय स्तर पर न्याय मिलने में देरी हो रही है, तो मीडिया का सहारा लेकर भी मामले को उजागर किया जा सकता है। इससे अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव बन सकता है।
7. घरेलू हिंसा कानून (Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005)


यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा देता है और उन्हें कानूनी अधिकारों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार भी देता है। महिला इस कानून के तहत एक संरक्षक अधिकारी की मदद से अदालत में शिकायत दर्ज करवा सकती है।

8. वकील से सलाह


किसी अच्छे वकील से सलाह लेकर अपनी स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकती है और इसके आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इन सभी विकल्पों के माध्यम से महिला अपनी सुरक्षा और अधिकारों के लिए न्याय पा सकती है। उसे अपने अधिकारों के लिए साहस और धैर्य के साथ प्रयास करना चाहिए।

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