Ambulance Crime : एम्बुलेंस दुष्कर्म कांड एक का एक आरोपी गिरफ्तार, मुख्य आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
अपने वैवाहिक जीवन को बचाने के लिए महिला अपने ससुराल में रहकर संघर्ष करती रही। इस बीच, सिपाही ने दरोगा की परीक्षा पास कर ली और उसकी तैनाती लखनऊ कमिश्नरेट के मध्य जोन के एक थाने पर हो गई। दरोगा बनने के बाद उसने अपनी पत्नी से पूरी तरह से मुंह मोड़ लिया और उसे बेसहारा छोड़ दिया।UP Government: यूपी सिपाही भर्ती: दिसंबर में रिजल्ट, छह महीने में नौकरी
महिला ने आरोप लगाया कि जब वह अपने पति को फोन करती है, तो अक्सर फोन महिला सिपाही उठाती है और उसे गालियां देती है। पति ने अपने माता-पिता को शहर में शिफ्ट कर दिया है, जबकि वह अपने छोटे बच्चे के साथ ससुराल में अकेली रह रही है। उसका कहना है कि पति ने खाने-पीने तक का खर्च देना बंद कर दिया है, जिससे वह एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गई है।Mayawati Statement: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर मायावती नाराज, सरकार को दे डाली बड़ी नसीहत
महिला शुक्रवार को अपने पिता और भाई के साथ लखनऊ के पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंची और अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई। उसकी आपबीती सुनने के बाद अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।महिला की व्यथा और न्याय की उम्मीद
महिला के इस दर्दनाक संघर्ष ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं की स्थिति और उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद, इस प्रकार की घटनाएं महिला सुरक्षा के प्रति पुलिस विभाग की गंभीरता को दर्शाती हैं।Lucknow Police: राजधानी में हर पुलिसकर्मी की जवाबदेही तय, थानों में कामों का हुआ बंटवारा इस घटना ने समाज के सामने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है: क्या हमारी पुलिस बल में ऐसी घटनाएं महिलाओं के प्रति न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगी? महिला सुरक्षा की दिशा में अधिक कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
1. पुलिस अधिकारियों से संपर्क
पुलिस आयुक्त कार्यालय: महिला पहले ही लखनऊ के पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंच चुकी है। वहां पर उसने अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस अधिकारियों ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।2. महिला हेल्पलाइन
1090 महिला हेल्पलाइन: यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए संचालित एक सेवा है। यहां महिला अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है और मदद मांग सकती है।
3. महिला आयोग
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW): महिला अपनी शिकायत सीधे राष्ट्रीय महिला आयोग को भेज सकती है। आयोग इस मामले की जांच करवा सकता है और उचित कार्रवाई सुनिश्चित कर सकता है।
4. अदालत में कानूनी कार्रवाई
परिवार न्यायालय में केस दर्ज: महिला घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और भरण-पोषण का केस दर्ज कर सकती है।
धारा 125 (CRPC): भारतीय कानून की इस धारा के तहत वह अपने और अपने बच्चे के लिए भरण-पोषण की मांग कर सकती है।
5. महिला संगठनों से मदद
महिला संगठनों या एनजीओ से संपर्क करके भी महिला अपनी मदद के लिए अपील कर सकती है। ये संगठन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में सहायक हो सकते हैं और कानूनी मदद भी उपलब्ध करवा सकते हैं।
6. मीडिया की सहायता
यदि स्थानीय स्तर पर न्याय मिलने में देरी हो रही है, तो मीडिया का सहारा लेकर भी मामले को उजागर किया जा सकता है। इससे अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव बन सकता है।
यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा देता है और उन्हें कानूनी अधिकारों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार भी देता है। महिला इस कानून के तहत एक संरक्षक अधिकारी की मदद से अदालत में शिकायत दर्ज करवा सकती है।
8. वकील से सलाह
किसी अच्छे वकील से सलाह लेकर अपनी स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकती है और इसके आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इन सभी विकल्पों के माध्यम से महिला अपनी सुरक्षा और अधिकारों के लिए न्याय पा सकती है। उसे अपने अधिकारों के लिए साहस और धैर्य के साथ प्रयास करना चाहिए।