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लखनऊ

Uttar Pradesh School: खाते में आए पैसे को डकर गए पापा, अब फटी यूनिफॉर्म में स्कूल पहुंच रहे बच्चे

Uttar Pradesh School Update: उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में विभाग ने बच्चों की ड्रेस के लिए अभिभावकों के खाते में रुपए भेजे थे। अब जब स्कूल खुले तो कुछ बच्चे फटी पुरानी तो कुछ बगैर ड्रेस के ही पहुंच रहे। जब विभाग ने सवाल किया तो रुपए खर्च होने की बात कर कर विभाग और पैसों की मांग करने लगे।

लखनऊApr 12, 2022 / 11:21 am

Snigdha Singh

UP Government School Paid Amount For Dress but Parents keep Money

UP Government School Paid Amount For Dress but Parents keep Money

परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का पैसा उनके पिता खा गए। अब स्कूल खुला तो उनके लिए यूनिफार्म खरीदने को पिता के पास फूटी कौड़ी नहीं है। लिहाजा, बच्चे पुराने या बिना ड्रेस के ही स्कूल जाने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारी यूनिफार्म खरीदने की अपील कर रहे हैं तो कम पैसा होने का हवाला देते हुए अभिभावक और पैसे की मांग कर रहे हैं। विभाग अनियमतता की वजह से इस बार अभिभावकों के खाते में ड्रेस के 110 रुपए दिए गए थे। जिसको अभिभावकों ने खर्च कर डाला।
उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों को निशुल्क यूनिफार्म दिया जाता है। विभाग में बढ़ रही अनियमितता को देखते हुए शासन ने इस बार यूनिफार्म खरीदने का पैसा अभिभावकों के खाते में भेज दिया था। ताकि अभिभावक अपने बच्चों को लिए अच्छा यूनिफार्म और जूते मोजे खरीद सके। जिस समय अभिभावकों के खाते में यूनिफार्म व जूते मोजे का पैसा भेजा गया उस समय कोरोना के कारण परिषदीय स्कूल बंद चल रहे थे। अब स्कूल खुले हैं तो बच्चे पुरानी फटी यूनिफार्म या बिना यूनिफार्म के स्कूल में नजर आ रहे हैं। शासन ने स्कूल आने वाले हर बच्चे को यूनिफार्म व जूते मोजे के लिए सख्ती की है। जिस पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अभिभावकों से यूनिफार्म खरीदने के लिए अपील कर रहे हैं। मगर कम पैसा होने की बात कहकर अभिभावक हाथ खड़े कर दे रहे हैं। उनका कहना है कि इतने कम पैसे में यूनिफार्म और जूता मोजा कैसे मिल सकता है। और पैसा दिलाइए तो खरीदा जाए। विभागीय अधिकारी भी अभिभावकों के आगे लाचार नजर आ रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की माने तो अभिभावकों के खाते में एक बच्चे का 11 सौ रुपए भेजा गया था। जिसमें दो यूनिफार्म, एक जूता एक मोजा, एक बैग व एक स्वेटर शामिल है।
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इस बार बदली गई थी व्यवस्था

पिछले सत्र तक पैसा विभाग के पास आता था। जोकि हेडमास्टरों के खाते में भेज दिया जाता था। मगर इसको लेकर तमाम तरह की अनियमितताएं सामने आ रही थीं। जिसकी वजह से पढ़ाई प्रभावित होती थी। विभागीय अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे। इस वजह से सरकार ने इस बार यूनिफार्म आदि का पैसा सीधे बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजा है।
अभिभावकों के खाते में भेजे गए 1100 रुपए

डीबीटी के जरिए अभिभावकों के खाते में 1100 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से पैसा भेज दिया गया है। इसके लिए कोरोना काल में मशक्कत शुरू हो गई थी। अभिभावकों का खाता नंबर फीड कराए जाने की जिम्मेदारी हेडमास्टरों को सौंपी गई थी। हेडमास्टरों ने अभिभावकों का खाता विभाग के पोर्टल पर फीड कराया। इसके बाद उनके खाते में डीबीटी के जरिए सीधे पैसा भेजा गया।
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क्या कहते हैं अधिकारी

बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदना राम इकबाल ने कहा कि बच्चों के यूनिफार्म आदि का पैसा अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जरिए भेजा गया है। कुछ बच्चे यूनिफार्म में नहीं आ रहे हैं। उनके अभिभावकों से बात करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है। ताकि स्कूल में सभी बच्चे निर्धारित यूनिफार्म में आएं। 1100 रुपए दिए गए गए थे, जिसमें दो यूनिफार्म, जूता, मोजा, बैग, स्वेटर आदि खरीदना था।

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