वहीं योगी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर कायम जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। यूपी सरकार शुक्रवार को भी कोई जवाब पेश नहीं कर पाई, अतिरिक्त एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने दो दिन का अतिरिक्त समय मांगते हुए कहा कि जवाब के लिए विस्तृत हलफनामा बनाया जा रहा है ताकि उसमें मांगी गई तमाम सूचनाएं शामिल हों। हाईकोर्ट में अधिवक्ता अनुज सिंह ने बताया कि सरकार ने सभी अस्पतालों में लेवल 2 और 3 के खाली बेड की संख्या बताने के लिए पोर्टल शुरू किया है लेकिन उसमें गलत जानकारी दी जा रही है।
शक पैदा करता है सरकार का पोर्टल
इस पर कोर्ट ने अनुज सिंह को सुनवाई के दौरान ही अदालत में ही फोन करने को कहा। नंबर डायल किया गया और हाईकोर्ट के सामने अस्पताल ने जवाब दिया कि लेवल 2 और 3 का कोई बेड खाली नहीं है। उस समय भी पोर्टल पर खाली बेड दिखाए जा रहे थे। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का यह पोर्टल शक पैदा करता है। सरकार दावा करती है कि प्रदेश में 17614 आइसोलेशन बेड और 5510 आईसीयू बेड हैं और इनकी कोई कमी नहीं है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही सामने आ रही है। अवैध रूप से जब्त ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन/गोलियां और ऑक्सीमीटर को मालखाने में रखे जाने पर अदालत ने कहा इन वस्तुओं को मालखाने में रखना किसी भी तरह से जनहित में नहीं है क्योंकि ये सभी खराब हो जाएंगे। इस पर गोयल ने कहा कि वह इस मुद्दे को राज्य सरकार के समक्ष उठाएंगे ताकि इनका उचित उपयोग हो सके और ये बेकार न जाएं।
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एफ़आईआर करने पर हाईकोर्ट गए निजी अस्पताल
कोरोना के तेजी से बढ़ते प्रकोप के बीच बुधवार की रात लखनऊ प्रशासन ने शहर के सन अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। प्रशासन ने अस्पताल पर ऑक्सीजन की कमी के बारे में “झूठी अफवाहें” फैलाने का आरोप लगाया। अस्पताल ने इस एफ़आईआर के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने की बात कही है। अस्पताल ने 3 मई को एक नोटिस लगाया था, जिसमें कहा गया था कि परिजन अपने मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाएं क्योंकि अस्पताल ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा है। लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में स्थित ‘सन हॉस्पिटल’ को लगभग एक महीने पहले कोविड अस्पताल घोषित किया गया था। बुधवार रात 11.30 बजे दायर की गई एफआईआर इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस टिप्पणी के बाद की गई जिसमें कोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को “नरसंहार” बताया था और सन हॉस्पिटल के बाहर लगे नोटिस का उल्लेख किया था।