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300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलेगी मजदूरी
योगी सरकार की इस पहल के मुताबिक शारीरिक रूप से अक्षम भिखारियों को आश्रय स्थल में रखा जाएगा। कचरा प्रबंधन का काम करने वाली एजेंसी इकोग्रीन (Ecogreen) के पास कर्मचारी काम हैं। ऐसे में जो भिखारी मिलेंगे उन्हें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए जाने वाले यूजर चार्ज की वसूली में लाया जाएगा। ऐसे में जो भिखारी मिलेंगे उन्हें डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की एवज में लिये जाने वासे यूजर्स चार्ज की वसूली में लाया जाएगा। वे जो वसूली करेंगे उसमें से उन्हें 10 से 20% प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। दैनिक स्वच्छता कार्यों में लगाए गए बाकी लोगों को 300 रु. प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाएगी। नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी जोनल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में रहने वाले भिखारियों की पहचान कर उन्हें आश्रय स्थल भेजने का निर्देश दिया है।
15 आश्रयगृहों में भेजे जाएंगे भिखारी
नगर निगम सभी 8 जोन में भीख मांगने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगा। नगर आयुक्त का कहना है कि भिखारियों को आश्रय स्थल भेजने के लिए सभी जोनल अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है। उन्हें अपने जोन में ट्रैफिक सिग्नल और सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों की पहचान कर आश्रय स्थल भेजना है। भिखारियों को 45 आश्रयगृहों में भिजवाया जाएगा। स्वास्थ्य भिखारियों को घरों से कचरा इकट्ठा करने और इसके बदले शुल्क वसूलने का काम सौंपा जाएगा। इनमें से कुछ को नालियों व सड़कों की सफाई के लिए भी लगाया जाएगा। लखनऊ नगर निगम इन्हें पानी, बिस्तर, शौचालय की सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय सहायता लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
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