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लखनऊ

जब रात एक बजे एनडी तिवारी ने अचानक अपने मंत्री को कर दिया था फोन…

एनडी तिवारी से जुड़े ये किस्से शायद आप न जानते हों…जब रात में एक बजे एनडी तिवारी ने अपने मंत्री को कर दिया फोन..जानें क्या था कारण

लखनऊOct 18, 2018 / 06:04 pm

Prashant Srivastava

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लखनऊ. यूपी व उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी का गुरुवार को निधन हो गया। अपने जीवनकाल में वह तमाम कार्यों के कारण चर्चा में रहे। एक तरफ राजनीति में ऊंचाइयों तक पहुंचे तो विवादों से भी घिरे रहे। उनसे जुड़े तमाम किस्सों को अब लोग साझा कर रहे हैं। यूपी में उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त सत्यदेव त्रिपाठी ने उनसे जुड़े तमाम किस्से याद किए।
जब रात एक बजे आ गया फोन

सत्यदेव त्रिपाठी के मुताबिक, ”अस्सी के दशक में जब तिवारी जी यूपी के सीएम थे तो एक रोज रात एक बजे उनके पास फोन आया। कहा- क्या आप सो गए, मेरा जवाब था जनाब इतनी रात में तो सोएंगे ही…वह बोले, उठो गाड़ी भेज रहा हूं..घर आ जाओ। कहीं चलना है। मैं उनकी बात कैसे टाल सकता था। मैंने कहा ठीक है… आता हूं। मैं उनके घर पहुंचा। फिर रात डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक उन्होंने मेरे साथ लखनऊ में बन रहीं विभिन्न सड़कों का मुआयना किया। इस दौरान हजरत से महानगर और फिर आईटी कॉलेज से एलयू की ओर जाने वाली सड़क पर गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिन में इतनी फुर्सत नहीं मिलती। विकास कार्यों का निरिक्षण बेहद जरूरी है।

हर किसी को खुद से नमस्कार करते थे

सत्यदेव त्रिपाठी बताते हैं कि एनडी तिवारी की एक खासियत ये भी थी कि किसी को देखकर तुरंत नमस्कार करते थे। चाहे सामने वाले व्यक्ति ने पहल की हो या नहीं…वह कहते थे कि जनता का आदर करना बेहद जरूरी है। आखिरी बार सत्यदेव त्रिपाठी की मुलाकात तब हुई थी जब तिवारी जी उनसे मिलने उन्हीं के इंदिरा नगर स्थित आवास आए थे।
आलू के पराठे खाने के थे शौकीन

सत्यदेव त्रिपाठी के मुताबिक, एनडी तिवारी आलू के पराठे बेहद पसंद करते थे। चुनाव प्रचार के दौरान वह हेलिकॉप्टर में अक्सर आलू के पराठे ही खाते थे। उन्हें सादा खाना ही पसंद था लेकिन आलू के पराठे के शौकीन थे। उनका जाना भारतीय राजनीति की बड़ी हानि है। हर दल के नेता उनकी इज्जत करते हैं।
जन्मदिन के दिन ही हुई मृत्यु

ये एक संयोग ही है कि 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल के बलूटी गांव में जन्मे एनडी तिवारी का निधन भी 18 अक्टूबर को जन्मदिन पर ही हुआ। आजादी के आंदोलन के दौरान एनडी तिवारी को बरेली के सेंट्रल जेल में बंद किया गया था। स्वतंत्रता के बाद पहली बार हुए चुनावों में वह नैनीताल से प्रजा समाजवादी पार्टी के टिकट जीतकर विधायक बने। कई बार केंद्र में मंत्री और चार बार यूपी तथा एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे।
राजबब्बर ने भी जताया दुख

यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके परिजनों असह्य दुःख को सहन करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कितिवारी जी का निधन भारतीय राजनीति एवं सार्वजनिक जीवन की अपूर्णीय क्षति है। उन्होने यूपी उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रहते जो जनकल्याणकारी एवं विकास के लिए ठोस कदम उठाये वहसदैव याद किया जायेगा। इतना ही नहीं एनडी तिवारी ने राजनीतिक में शुचिता और पारदर्शिता एवं सामाजिक सामन्जस्य के साथ समाज और देश को आगे ले जानेमें जो योगदान किया है उसे कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। उनके निधन सेभारतीय राजनीति के एक युग का अन्त हो गया है।

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