सेक्योरिटी पर उठे सवाल जिस ट्रक के टक्कर मारने से हादसा हुआ उसके नंबर प्लेट पर काला पेंट किया हुआ था और पीड़िता के साथ सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे। हालांकि, डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि पीड़िता ने खुद ही अपने साथ सुरक्षाकर्मियों को आने से मना कर दिया था। डीजीपी ने कहा है कि पीड़ित परिवार की सेक्योरिटी में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी। कार में जगह न होने से पीड़िता ने खुद ही सेक्योरिटी को अपने साथ आने से मना कर दिया था। जांच से पता चला है कि यह पूरी तरह से ट्रक के टक्कर मारने से दुर्घटना हुई।
सुरक्षा में लगे गार्ड सुरेश कुमार में बताया घटना के बाद माखी गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है। दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में लगे सशस्त्र गार्ड सुरेश ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता ने उसे गाड़ी में जगह न होने के कारण साथ ना चलने को कहा। पीड़िता की सुरक्षा के लिए उसके पिता के पर्सनल सुरक्षा तीन लोगों को लगाया गया था।
पीड़िता की सुरक्षा में थी इन लोगों की तैनाती सुरेश कुमार (गनर), रूबी पटेल, सुनीता पीड़िता के पर्सनल सुरक्षा में लगाया गया था। इसके अतिरिक्त के पीड़िता आवास पर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जिसमें मिथलेश मिश्रा, चंद्रभान सिंह, धर्मपाल सिंह, नीलेश कुमार शामिल है। इसके साथ ही महिला कॉस्टिबल की तैनाती की गई थी जिसमें प्रीति कश्यप, रेनू कनोजिया, संजू यादव, कालन्द्री दुबे, पारुल आदि शामिल हैै।
सरकार उठाएगी इलाज का खर्च पीड़िता और वकील के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। वीसी केजीएमयू से अनुरोध किया गया है कि लखनऊ जिला प्रशासन को भुगतान के लिए अब तक किए गए सभी खर्चों का संक्षिप्त विवरण और घायल लोगों के परिजनों से किसी भी प्रकार का शुल्क न लिया जाए। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती रायबरेली दुर्घटना मामले में घायल दोनों लोगों के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।