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लखनऊ

सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान से इलाज अनिवार्य, सूचीबद्धता जरूरी नहीं

Ayushman Yojana:सभी प्राइवेट अस्पतालों को अब आयुष्मान कार्ड से मरीजों का उपचार करना ही होगा। सरकार ने आयुष्मान के लिए सूचीबद्धता की बाध्यता खत्म करने का निर्णय लिया है। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी। उन्हें आयुष्मान में सूचीबद्ध अस्पताल खोजने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

लखनऊNov 11, 2024 / 10:41 am

Naveen Bhatt

आयुष्मान योजना

आयुष्मान योजना

Ayushman Yojana:सभी निजी अस्पतालों में अब आयुष्मान कार्ड से मरीजों का उपचार होगा। उत्तराखंड सरकार ने इसकी व्यवस्था शुरू कर दी है। इसके लिए हर निजी अस्पताल में 10 से 15 बेड आरक्षित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। सरकार, आयुष्मान योजना के तहत राज्य के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये तक के निशुल्क उपचार की सुविधा दे रही है। राज्य के सभी सरकारी व कई निजी अस्पतालों में लोग उपचार करा रहे हैं। राज्य में कई अस्पताल ऐसे भी हैं, जो आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध नहीं हैं। इन निजी अस्पतालों में मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलने से परेशानियां उठानी पड़ रही थी। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार ने राज्य के सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना लागू करने का निर्णय लिया है। बताया कि जो अस्पताल आयुष्मान में सूचीबद्ध नहीं होंगे, उनमें भी योजना को लागू किया जा रहा है।

15 बेड किए जाएंगे रिजर्व

आयुष्मान योजना के लिए राज्य के सभी निजी अस्पतालों में अब 15 बेड रिजर्व किए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य के सभी अस्पतालों में आयुष्मान योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। कहा कि जो अस्पताल योजना में सूचीबद्ध नहीं होंगे, उनमें आयुष्मान के तहत 10- 15 बेड आरक्षित किए जाएंगे। इस दिशा में कदम उठाने के लिए अफसरों को निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द ही ये व्यवस्था सुचारू हो जाएगी। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी। उन्हें आयुष्मान में सूचीबद्ध अस्पताल खोजने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मरीज को किसी भी नजदीकी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत भर्ती कराया जा सकता है।
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आयुष्मान मित्रों की बढ़ेगी संख्या

उत्तराखंड के अस्पतालों में आयुष्मान मित्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में भी अफसरों को निर्देश दे दिए हैं। योजना के तहत मरीजों की सुविधा के लिए अब तक हर सरकारी अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र की तैनाती होती थी। अब हर 30 मरीज पर एक आयुष्मान मित्र तैनात किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक अस्पतालों में ज्यादा आयुष्मान मित्र तैनात करने से मरीजों को आसानी होगी ही साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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