तीन हिस्सों में बाटा गया है सिलेबस यूपी सरकार सिलेबस में बदलाव 2022-23 के एकडेमिक सेशन से किया जा सकता है। इस सिलेबस को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा। पहले पार्ट में क्लासेज में रीडिंग कराई जाएगी। दूसरे पार्ट में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाएंगे। तीसरे पार्ट में रिलेटेड सब्जेक्ट्स के प्रोजेक्ट बनवाए जाएंगे।
सिलेबस में इन विषयों पर जोर जानकारी के मुताबिक सिलेबस में शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण, राष्ट्रभक्ति और समाजसेवा से जुड़े कार्यों को शामिल किया जाएगा। समसामयिक घटनाओं के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जेंडर सेंसिटिविटी और आपदा प्रबंधन विषय को भी शामिल किया जाएगा। 2021-22 से कक्षा 9 में विज्ञान विषय और 2022-23 से सभी विषयों में प्रयोग द्वारा लर्निंग एबिलिटी को विकसित किया जाएगा।
एग्रीकल्चर साइंस और संस्कृत पर भी जोर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में कृषि विज्ञान (एग्रीकल्चर साइंस) पढ़ाने पर बल दिया जाएगा, जिससे बच्चे स्कूली शिक्षा से ही कृषि के बारे में अत्याधुनिक जानकारी पाएं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में शैक्षिक सत्र 2021-22 से ही विज्ञान व गणित में नए सिलेबस के विधिवत अध्ययन को लागू किया जाएगा। सत्र 2022-23 में इसे सभी विषयों में लागू किया जाएगा। सिलेबस में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए सामान्य संस्कृत के साथ साहित्यिक संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी।
अंग्रेजी में पढ़ाने की मिलेगी ट्रेनिंग इन सिलेबस के तहत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक में अंग्रेजी माध्यम का एक-एक सेक्शन चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं नए सिलेबस में दूसरे राज्यों की भारतीय भाषाएं पढ़ाने की भी व्यवस्था की जाएगी। छात्र अपनी पसंद से उस भाषा का अध्ययन कर सकेंगे। इसके अलावा मंडल मुख्यालय के एक राजकीय विद्यालय में प्राचीन शास्त्रीय भाषाओं से संबंधित साहित्य और ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया जाएगा।
अस्तिव बचाने के लिए प्रयास करें: सीएम सीएम योगी ने गुरुवार को कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के अस्तित्व को बचाने और उनकी खोई गरिमा वापस लाने के लिए शिक्षकों को आगे आना होगा। माध्यमिक विद्यालयों के लिए लोक सेवा आयोग से चयनित 2846 सहायक अध्यापकों और प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि शासन, प्रशासन और राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे लोग किसी कॉन्वेंट स्कूल से पढ़कर नहीं आए हैं। ये लोग राजकीय इंटर कॉलेजों में ही पढ़े लिखे हैं। मौजूदा समय में इन राजकीय विद्यालयों के समक्ष अस्तित्व बचाने की चुनौती है।