एटीएस ने रविवार सुबह गोपनीय तरीके से सीते विहार कालोनी में आतंकियों के ठिकाने की घेराबंदी की। आसपास के मकानों को खाली कराया और तीन घरों में छापेमारी कर दोनों को दबोच लिया। काकोरी थाना क्षेत्र के दुबग्गा इलाके में एटीएस ने पांच घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया। गैराज में अलकायदा के आतंकी छिप गए थे। शाहिद यहां 15 वर्ष से रह रह रहा है और मोटर गैराज का काम करता है। वहीं वसीम का बैट्री का काम है। इन आतंकियों के बहराइच कनेक्शन की बात भी सामने आई है। यूपी के एडीजी के अनुसार, अलकायदा समर्थित आतंकी संगठन पेशावर व क्वेटा से संचालित किया जा रहा था। उमर लखनऊ में जेहादी प्रवृत्ति के लोगों को तैयार कर रहा था। उन्होंने बताया कि मिनहाज अहमद और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर इस संगठन के सदस्य हैं। ये लोग 15 अगस्त से पहले शहरों में अलग-अलग जगह धमाके की योजना बना रहे थे।
एक आतंकी उन्नाव का
पहले आतंकी का नाम शाहिद उर्फ गुड्डू है, जो उन्नाव का है। उसी के घर में दूसरा आतंकी भी छिपा था। मकान मलिहाबाद के शाहिद का है।
लखनऊ में इससे पहले भी मार्च 2017 में सुरक्षा बलों ने आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया था, जो आइएसआइएस के खुरासान मॉड्यूल का सदस्य था। वह कानपुर का रहने वाला था। सितंबर 2018 में चकेरी के जाजमऊ अहिरवां स्थित शिवनगर कॉलोनी में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां उर्फ कमरुद्दीन उर्फ डॉ. हुरैरा को गिरफ्तार किया गया था।