अवनीश अवस्थी ने बताया कि उ0प्र0 सरकार ने तकनीकी का उपयोग कर राज्य मे ऑक्सीजन की कालाबाजारी को रोकने तथा प्रदेश के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग व पूर्ति में पारदर्शिता लाने तथा जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति भी प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने के उद्देश्य से उक्त कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा शुरू की गयी इस पारदर्शी व्यवस्था की सराहना हुई है। कई राज्यों यथा बिहार, पंजाब, तमिलनाडु, महाराष्ट्र आदि ने प्रदेश सरकार की इस नयी व्यवस्था के सम्बन्ध में गहरी रूचि भी दिखाई है। उल्लेखनीय है कि यह व्यवस्था देश के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाये जाने पर ऑक्सीजन की मांग व आपूर्ति के सम्बन्ध में राज्यों के मध्य भी समन्वय बढ़ेगा।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के गृह विभाग में पृथक से एक ‘‘विशेष नियंत्रण कक्ष’’ बनाकर ऑक्सीजन की मांग व आपूर्ति के सम्बन्ध में लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस कार्य में गृह विभाग को प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं परिवहन विभाग का सहयोग मिल रहा है। इन विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी इस दिशा में लगातार उक्त विशेष नियंत्रण कक्ष के माध्यम से कार्यरत है।
इस व्यवस्था का उत्तर दायित्व राज्य सरकार द्वारा रोड़िक कंसल्टेंट प्रा0लि0 (Rodic ConsultantsPvt. Ltd) को दिया गया है, जिसके प्रतिनिधि भी लगातार क्रियाशील है। ऑक्सीजन सप्लाई में लगे टैंकर की ऑक्सीजन ट्रैकिंग की व्यवस्था इस पोर्टल के माध्यम से लगातार की जा रही है तथा जरूरत के अनुसार निकटस्थ ऑक्सीजन वाहन को सम्बन्धित अस्पताल के लिए प्राथमिकता के आधार पर भेजा जा रहा है।