देश की जनता भारतीय जनता पार्टी के जुमलों से आकर्शित हो गयी थी परन्तु देश की आम जनता के साथ साथ किसान नौजवान और बेरोजगार लगातार अपने को ठगा महसूस करते रहे और अब केन्द्र सरकार के अन्तिम चरण में देश के संत भी इनसे निराष हो गये। वास्तव में कहा जा सकता है कि सत्ता के लोभियों का आमजन जीवन के साथ साथ संतो से भी कोई वास्ता नहीं है।
’रामन्दिर और गंगा सफाई का वादा भी झूठा निकला और ये लोग जनता के वफादार न होकर धोखेबाज निकले’। हिन्दू मुस्लिम बनाने की साजिशों में लग गये हैं परन्तु उनके मंसूबे कामयाब नहीं होगे क्योंकि विकास के नाम पर दोनों ही क्षेत्रों में शून्य देखने को मिलता है और जनता स्वयं में इन्हें वोट देकर पष्चाताप की आग में जल रही है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने घोषणा पत्र की एक पंक्ति को भी पूरा करने में असफल रही है और समय समय पर ’ऐसे मुददे् देष में पैदा करती रही है कि आम जनता घोषणा पत्र का भूल जाये’। देश में बढती हुयी मंहगाई, आसमान छूती कीमतें, ’फ्रान्स से की गयी राफेल डील’, ’मन्दिर मस्जिद की भावना भड़काना’, ही काम है।
वर्तमान समय में युवाओं और छात्रों की दशा सोचनीय होती जा रही है। शिक्षित युवा वर्ग रोजगार पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता में आए साढ़े चार वर्ष हो चुके और देश में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच गई है। सरकार ने वादा किया था कि ’प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां दी जाएगी किंतु केंद्र और प्रदेष दोनों सरकारें मूक बधिर बनी हुयी है।
छात्र और नौजवान इस देश की दशा और दिशा तय करने में अहम भूमिका अदा करते हैं लेकिन वर्तमान उ0प्र0 सरकार न तो छात्रों के भविष्य के लिए कुछ कर रही हेै और न ही नौजवानों को रोजगार दे रही है। सरकार ने छात्र और नौजवानों के साथ छल किया है।उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा युवाओं के रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। अनेक विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने में प्रदेश सरकार की कोई रुचि नहीं दिखाई दे रही है।