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बसपा ही नहीं परिवारवाद के मोह में फंसी हैं यूपी की सभी क्षेत्रीय पार्टियां

– Parivarvad in up politics : उत्तर प्रदेश में होती है परिवारवाद की राजनीति- सभी क्षेत्रीय दलों पर हावी है भाई-भतीजावाद- बसपा प्रमुख मायावती ने भाई और भतीजे को पार्टी में दिया अहम पद

लखनऊJun 24, 2019 / 05:01 pm

Hariom Dwivedi

Parivarvad in up politics

बसपा ही नहीं परिवारवाद के मोह में फंसी हैं यूपी की सभी क्षेत्रीय पार्टियां

लखनऊ. परिवारवाद ( parivarvad in UP politics ) को लेकर विपक्षी दलों पर तीखे शब्दबाण छोड़ने वाली मायावती (Mayawati) खुद उसी राह पर चल पड़ी हैं। रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाकर राजनीति में भाई-भतीजावाद की बहस को और हवा दे दी है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मायावती आनंद और आकाश को पहले ही बसपा में बड़ा पद देना चाहती थीं, लेकिन चुनावी नफा-नुकसान को देखते हुए उस वक्त वह ऐसा करने से वह झिझक रही थीं, लेकिन अब एक तरह से उन्होंने अपने उत्तराधिकार को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दे दिया है। बढ़ती उम्र और पार्टी में अपनों की कमी ने शायद मायावती को यह कदम उठाने को विवश कर दिया है। आपको बता दें कि मायावती ऐसी इकलौती नेता नहीं हैं, जिन्होंने अपनों को पार्टी में अहम जिम्मेदारी दी है। कमोबेश यूपी की सभी क्षेत्रीय पार्टियां परिवारवाद के मोह में जकड़ी हैं। इनमें सबसे पुरानी कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी भी शामिल है।
कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में हार के बाद भले ही राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेश कर रहे हैं, लेकिन अभी वह ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राहुल गांधी के अलावा उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव हैं और मां सोनिया गांधी अभी भी पार्टी की सर्वेसर्वा हैं।
समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी भी भाई-भतीजावाद से अछूती नहीं है। अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके पिता मुलायम सिंह यादव पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक हैं। चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।
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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी
सपा से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया और अकेले ही 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े। शिवपाल सिंह यादव खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके सुपुत्र आदित्य सिंह यादव पार्टी के महासचिव हैं।
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राष्ट्रीय लोकदल
चौधरी अजित सिंह राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके सुपुत्र जयंत चौधरी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक अजित सिंह के पिता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह थे।
अपना दल
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय महासचिव हैं। उनके पति आशीष सिंह पटेल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। गौरतलब है कि एक हादसे में अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की मौत के बाद अपना दल दो गुटों में बंट गया। एक गुट में अनुप्रिया पटेल हैं तो दूसरे गुट उनकी मां कृष्णा पटेल का है।
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जनसत्ता दल लोकतांत्रिक
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक नाम से नई पार्टी बनाई है। वह खुद पार्टी के राष्ट्रीय हैं और उनके मौसेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह के पास पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी है।
निषाद पार्टी
बीते लोकसभा उपचुनाव में सपा संग मिलकर चुनाव लड़ने वाली पूर्वांचल की निर्बल भारतीय शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) ने आम चुनाव बीजेपी संग मिलकर लड़ा। संजय निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके सुपुत्र प्रवीण निषाद पार्टी के उपाध्यक्ष हैं।
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सुभासपा
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए से नाता तोड़ने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी भाई-भतीजावाद (Parivarvad in up politics) से अछूती नहीं है। पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनके बेटे अरविंद राजभर सुभासपा के महासचिव हैं।

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