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लखनऊ

किसानों के पैसों से मौज उड़ा गए अफसर, करोड़ों का घोटाला उजागर, पुलिस जांच शुरू

Big Scam:किसानों के रुपयों से अफसरों ने जमकर मौज उड़ाई। करोड़ों रुपये से अफसरों ने हवाई यात्राएं भी की। करोड़ों की हेराफेरी के मामले की जांच अब पुलिस तक पहुंच गई है। जल्द ही इस घोटाले में कई अफसरों की गर्दन नपने वाली है।

लखनऊDec 21, 2024 / 10:56 am

Naveen Bhatt

Scam worth crores exposed in Regional Cooperative Union

प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है

Big Scam:किसानों के रुपयों से अफसरों ने जमकर मौज उड़ाई। ये मामला उत्तराखंड में सामने आया है। राज्य में किसानों और सहकारिता से जुड़े जनप्रतिनिधियों की ट्रेनिंग, स्किल डेवलपमेंट को बनाए गए प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन (पीसीयू) में करोड़ों की हेराफेरी का मामला सामने आया है। पीसीयू में बोर्ड का गठन होने से पहले जमकर वित्तीय घपले हुए। किसानों की धान खरीद को बैंकों से ओवरड्रा कर रुपयों का खूब दुरुपयोग हुआ।राज्य में पीसीयू के गठन के दौरान शुरू हुए इन घपलों पर बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद से खुलासे शुरू हुए। पीसीयू ने किसानों से धान खरीद का काम अपने हाथ में लिया। धान खरीद केंद्रों से किसानों से धान खरीदा। धान खरीद को बैंकों से लिए गए पैसे को अफसरों ने दूसरे कार्यों में डायवर्ट कर दिया।जांच में सामने आया है कि अफसरों, कोऑपरेटिव से जुड़े जनप्रतिनिधियों के टूर, हवाई टिकटों पर पैसा खर्च किया गया। बताया जा रहा है कि कुछ पैसा अफसरों ने निजी खर्चों में भी व्यय कर डाला।

किसानों को दो करोड़ का डबल भुगतान

पीसीयू में जमकर धांधलियां हुई हैं। किसानों को हुए भुगतान में भी जमकर हेराफेरी हुई। करीब दो करोड़ का किसानों को डबल भुगतान कर दिया गया। एक निजी कंपनी के खाते तक में 1.40 करोड़ पैसा डायवर्ट किया गया। इन तमाम मामलों का खुलासा होने के बाद पीसीयू के मैनेजर की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है। कुछ रुपयों की ही रिकवरी हो पाई। अभी भी बड़ी संख्या में रिकवरी नहीं हो पाई है। इस पर पीसीयू मैनेजमेंट ने एसएसपी देहरादून को पूरे मामले की जांच के साथ मुकदमा दर्ज करने को पत्र सौंप दिया है। रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोनिका के मुताबिक पूरे मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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जांच की रडार में कई लोग

पीसीयू में हुए घोटाले की जांच टीम की रडार में कई लोग हैं। इस पूरे घपले की जांच को तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन हो गया है। अपर निबंधक ईरा उप्रेती, संयुक्त निबंधक मंगला प्रसाद त्रिपाठी, सहायक निबंधक राजेश चौहान को जांच सौंपी गई है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही कई चेहरे बेनकाब होंगे। हालांकि कई किसानों से रिकवरी हो गई है, लेकिन जिन किसानों का निधन हो गया है, उन मामलों में पैसा फंस गया है। जिन किसानों ने खाते में आई डबल भुगतान को लौटाया नहीं है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है। टूर एंड ट्रेवल कारोबार से जुड़ी एक कंपनी 1.40 करोड़ का भुगतान किया गया था, इसमें से सिर्फ 55 लाख की ही रिकवरी हो पाई है।

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