घटना के बाद लखनऊ के कमिश्नर अनिल गर्ग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के कई वरिष्ठ अफसर ऊंचाहार के लिए रवाना हो गए हैं। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पहली प्राथमिकता घायलों को बेहतर उपचार देना है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पूरी घटना पर नजर बनाये हुए हैं और उन्होंने राहत बचाव कार्यों की जानकारी ली है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए गुरुवार को दिल्ली से आई टीमें घटना स्थल पर पहुचेंगी।
इस बीच घटना के बाद एक बार फिर से पावर प्लांटों में बायलरों के रखरखाव को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।प्रदेश में इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है।जानकार बताते हैं कि बॉयलर की पाइप पर अत्यधिक प्रेशर होता है और उसकी निगरानी व उसके नियमन के लिए अभियंताओं की तैनाती रहती है। नियमित रूप से इसकी निगरानी और प्रेशर का परीक्षण होता है। इसके बावजूद इतनी बड़ी घटना घटित हो गई जिसके कारण गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
घटना के बाद मृतकों और जख्मी हुए मजदूरों के परिजन बेहद गुस्से में हैं। प्रबंधन ने उन्हें प्लांट में घुसने से रोक दिया है। प्लांट के बाहर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा है और मौजूद लोगों ने प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।