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छह मेडिकल कॉलेजों में संसाधन नहीं
एमबीबीएस सीटों पर एडमिशन लेने से रोके गए प्रदेश के 6 निजी मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी पाई गई है। अस्पतालों में मरीज के इलाज के पर्याप्त उपकरण नहीं मिले। शिक्षकों और स्टाफ की कमी तो थी साथ ही एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं थे।
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राजकीय से दोगनी सीटें हैं निजी मेडिकल कॉलेज में
पूरे प्रदेश में 30 निजी मेडिकल कॉलेज हैं। इन 30 मेडिकल कॉलेज में 4150 एमबीबीएस की सीटें हैं। इनमें से छह मेडिकल कॉलेजों की 850 एमबीबीएस सीटों पर 2019-20 के शैक्षणिक सत्र पर रोक लगा दी गई है। इस तरह अब 24 निजी मेडिकल कॉलेजों की 3300 एमबीबीएससी सीटें भी डॉक्टरों की पढ़ाई करने वाले युवकों के लिए खाली रह पाएंगी। निजी मेडिकल कॉलेजों की सीटें राजकीय मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस सीटों से दुगनी से भी ज्यादा हैं। जहां 30 निजी मेडिकल कॉलेजों में 4150 सीटें हैं तो वहीं 15 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में केवल 1920 एमबीबीएस सीटें हैं। ऐसे में 6 निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई पर रोक लग जाने से बड़ी तादाद में डॉक्टरी की पढ़ाई करने के इच्छुक युवाओं को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाएगा।
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इन मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पर लग रोक
– मेजर एस.डी. सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल – फर्रुखाबाद, सीटें – 100
– जीसीआरजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस – लखनऊ, सीटें – 150
– ग्लोकल मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर – मिर्जापुर, सहारनपुर , सिटी – 150
– श्री वेंकटेश्वरा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस – गजरौला, अमरोहा – 150
– वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल – शाहजहांपुर, सीटें – 150
– मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल – मेरठ, सीटें – 150