यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Vidhansabha Upchunav 2019) से पहले नीरज शेखर (Neeraj Shekhar) के भाजपा में शामिल होने को समाजवादी पार्टी के लिए दोहरा झटका माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक बड़ी पृष्ठभूमि वाले नेता ने समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया, वहीं राज्यसभा की एक सीट भी सपा के खाते में कम हो गई। 2019 के आम चुनाव से पहले तक नीरज शेखर अखिलेश यादव के बेहद करीबी नेता माने जाते थे।
नीरज शेखर के बीजेपी में शामिल होने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि नीरज शेखर उन्हें अपना गुरू मानते हैं। आज गुरु पूर्णिमा है, इस नाते वह उन्हें सिर्फ आशीर्वाद दे सकते हैं। कहा कि शुभकामनाएं नीरज के साथ हैं। सियासी दल रेलगाड़ी की तरह होते हैं। यहां लोग छड़ते हैं और उतर जाते हैं। समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी हुई है। किसी के आने-जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
2007 में पिता चंद्रशेखर की मौत के बाद उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर बलिया से सांसद चुने गये
– 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के संगम सिंह यादव यादव को हराकर वह दोबारा सांसद चुने गये
– 2014 के लोकसभा चुनाव नीरज शेखर भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह से करीब एक लाख मतों से चुनाव हार गये