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लखनऊ

चुनाव परिणाम के बाद बसपा की बैठक में मायावती ने लिया बड़ा फैसला, सपा से गठबंधन जारी रखने पर कही यह बात

-मायावती बोलीं- यादव वोट नहीं मिले, नहीं हुआ कोई फ़ायदा-गठबंधन की समीक्षा करेंगी, फिर लेंगी निर्णय अखिलेश के साथ रहना है या नहीं-पार्टी पदाधिकारियों को दिया लक्ष्य, 50 फीसदी वोट की करनी है राजनीति

लखनऊJun 03, 2019 / 09:05 pm

Hariom Dwivedi

Mayawati

गठबंधन में गांठ, यूपी में सभी विधानसभा उपचुनाव में लड़ेगी बसपा

पत्रिका इन्डेप्थ स्टोरी
लखनऊ. उप्र में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में गांठ पड़ती दिख रही है। एसपी-बीएसपी गठबंधन ने उप्र में लोकसभा चुनावों के बाद भी भविष्य के चुनाव मिलकर लडऩे की बात कही थी लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में एलान किया है कि गठबंधन का कोई फायदा नहीं हुआ। यादवों के वोट पार्टी को नहीं मिले। इसलिए अब गठबंधन की समीक्षा होगी। और गठबंधन को जारी रखने या तोलेने का फैसला लिया जाएगा। बसपा ने 1999 के बाद पहली बार उप्र के सभी 11 उपचुनावों में अपने प्रत्याशी उतारने का एलान किया है। इसका मतलब साफ है सपा को कोई सीट नहीं मिलने वाली। हालांकि समाजवादी पार्टी की तरफ से अभी कोई मायावती के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी ने वर्ष 2010 में अपना आखिरी उप-चुनाव लड़ा था।
मार्च 2019 में मायावती और अखिलेश यादव के बीच एकाएक हुई मुलाकात ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी। दशकों के बाद दोनों दलों के प्रमुख मिले थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों को मिलकर लडऩे की बात कही गयी थी। गठबंधन ने मिलकर यूपी में चुनाव लड़ा भी। गठबंधन को उम्मीद थी कि इसका राज्य में प्रदर्शन शानदार रहेगा। हालांकि, रिजल्ट ठीक इसके विपरीत आया।
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लोकसभा चुनाव में विपरीत नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने नयी दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों और उप्र से जीते बसपा के 10 सांसदों के साथ बैठक की। मैराथन मंथन के बाद मायावती ने दो टूक कहा कि गठबंधन से कोई फ़ायदा नहीं हुआ। यादव वोट नहीं मिले। यदि यादवों के वोट मिलते तो फिर अखिलेश यादव के परिवार के लोग चुनाव नहीं हारते। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोगों ने कई जगहों पर गठबंधन के खिलाफ काम किया जबकि मुसलमानों ने बसपा का पूरा साथ दिया।
Mayawati
2009 के बाद बसपा पहली बार लड़ेगी उपचुनाव
बैठक के बाद मायावती ने एलान किया कि वह उप्र के सभी ग्यारह विधानसभा सीटों का उप-चुनाव लड़ेंगी। यह चौंकाने वाली घोषणा थी। क्योंकि 2009 के बाद बीएसपी ने उप्र में कोई विधानसभा उप चुनाव नहीं लड़ा था। यूपी के सभी बसपा सांसदों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में मायावती ने कहा कि पार्टी सभी विधानसभा उपचुनाव में लड़ेगी और अब 50 फीसदी वोट का लक्ष्य लेकर राजनीति करनी है। मायावती ने ईवीएम में धांधली का भी आरोप लगाया।
यूपी में संगठन को 4 हिस्सों में बांटा
बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी में बसपा संगठन में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब उप्र को चार हिस्सों में बांट दिया गया है। इससे भी बड़ी बात यह हुई कि मायावती ने तीन जगहों पर मुस्लिम नेताओं को काम दिया है। मुनकाद अली, नौशाद और शम्सुद्दीन राइनी को नई जिम्मेदारी दी गयी है। हालांकि उम्मीदवारों से पैसे लेने के आरोप पर मायावती ने शम्सुद्दीन राइनी को डांट भी लगाई। मायावती के रडार पर प्रदेश के 40 समन्वयक और जोनल समन्वयक भी हैं। इन पर भी गाज गिर सकती है।
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Shivpal
शिवपाल से सख्त नाराज
मायावती समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपना दल बनाने वाले शिवपाल यादव से बहुत खफा हैं। उन्होंने बैठक में कम से कम तीन बार शिवपाल यादव का नाम लिया। और कहा कि शिवपाल ने कई जगहों पर यादव वोट बीजेपी को ट्रांसफऱ करा दिया।
कई राज्य प्रभारियों को भी हटाया
लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कई बसपा प्रभारियों पर गाज भी गिरी है। खराब प्रदर्शन पर मायावती ने कई राज्यों के प्रभारियों को पहले ही हटा दिया था। जिनमें उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, उड़ीसा राज्य शामिल हैं। इसके अलावा दिल्ली और मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्षों को भी हटाया गया है।
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बसपा सांसद राम शिरोमणि ने इवीएम पर उठाया सवाल
बैठक में श्रावस्ती से नवनिर्वाचित बसपा सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने ईवीएम घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लंबे पैमाने पर घोटाला हुआ है। हम लोग पहले से कह रहे हैं कि बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए, जिसे ना तो चुनाव आयोग मान रहा है, ना सरकार मान रही है।

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