UP Traffic Improvement: शहरों को जाम से निजात दिलाने के लिए UP में सेटेलाइट बस स्टेशनों की योजना- शहर के बाहर बनेंगे नए ट्रांसपोर्ट हब
प्रमुख स्वीकृतियां और निर्देश
मुख्य सचिव ने बैठक में 8 प्रमुख कार्यदायी विभागों की 10 परियोजनाओं के लिए 3149.48 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कुम्भ-2025 से जुड़ी समस्त तैयारियों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने और कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए विशेष निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, निर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के लिए थर्ड पार्टी के माध्यम से नियमित अंतराल पर जाँच कराने की बात कही, ताकि किसी भी कमी के पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।स्वच्छ और डिजिटल कुम्भ की तैयारी
महाकुम्भ-2025 के आयोजन को “स्वच्छ कुम्भ” और “डिजिटल कुम्भ” के रूप में उभारने पर विशेष जोर दिया गया है। इसके तहत: प्लास्टिक-मुक्त आयोजन: मेला क्षेत्र में प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। अखाड़े, भण्डारा स्थल और फूड ज़ोन पर इको-फ्रेंडली दोने-पत्तल एवं बर्तनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट: प्रत्येक डस्टबिन को स्वच्छताग्रही से टैग कर कूड़े के नियमित निस्तारण की योजना बनाई गई है।
शौचालयों की सफाई व्यवस्था: मेला क्षेत्र और शहर में बने शौचालयों की साफ-सफाई की नियमित व्यवस्था के साथ-साथ उनकी पेंटिंग भी करवाई जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के निर्देश
सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य सचिव ने साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल सिक्योरिटी के तहत आधुनिक उपकरण और एंटी ड्रोन सिस्टम के उपयोग पर बल दिया। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुम्भ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अत्याधुनिक तकनीक के साथ अतिरिक्त पुलिस फोर्स की व्यवस्था की जाएगी। सीसीटीवी, ड्रोन और अन्य उपकरणों के माध्यम से आकाश से, पृथ्वी से और जलमार्गों से सतत निगरानी का इंतजाम रहेगा।समयबद्धता पर विशेष जोर
मुख्य सचिव ने परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। कुछ महत्वपूर्ण कार्यों की डेडलाइन 15 दिसंबर तक रखी गई है, जबकि अन्य कार्यों को 30 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा। समीक्षा के दौरान उन्होंने कुम्भ-2025 के आयोजन में किसी भी प्रकार की देरी या गुणवत्ता में कमी को सहन नहीं करने की बात कही।अतिरिक्त व्यवस्थाएं और निर्देश
सड़क व घाट निर्माण: महाकुंभ के दृष्टिगत प्रयागराज में फोरलेन सड़कों का निर्माण, घाटों की सफाई और काली मिट्टी का निष्पादन तय समय पर करने का निर्देश दिया गया है।लो-विजिबिलिटी की स्थिति: एयरपोर्ट पर लो-विजिबिलिटी के दौरान विमानों की लैंडिंग में सुविधा के लिए जरूरी उपकरण लगाए जाएंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी: यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजिटल समाधान पर जोर दिया गया है।