इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण साहिबजादा जोरावर सिंह की स्मृति में आयोजित ऐतिहासिक समागम और सहज पाठ था। सिख समुदाय के लोग बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर साहिबजादा जोरावर सिंह और सिख गुरुओं के बलिदान को नमन करते हुए उनकी शिक्षाओं को प्रेरणादायक बताया।
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सीएम योगी का संबोधनमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा, “सिख गुरुओं और उनके परिवार का बलिदान भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए दिया गया एक अनुपम उदाहरण है। साहिबजादा जोरावर सिंह और उनके भाई फतेह सिंह के शौर्य और बलिदान से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेती रहेंगी। वीर बाल दिवस का आयोजन देश में नई पीढ़ी को उनके महान इतिहास से परिचित कराने का प्रयास है।”
इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने भी भाग लिया। कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सिख समाज के लोगों के साथ गुरु साहिबजादों को श्रद्धांजलि दी। राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख और पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने भी इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के आगमन से हुई। पूरे वातावरण में धार्मिक भक्ति और श्रद्धा का माहौल छा गया। सहज पाठ के दौरान सिख गुरुओं और साहिबजादों के बलिदान की गाथाओं का वर्णन किया गया, जिससे वहां उपस्थित हर व्यक्ति भावविभोर हो गया।
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धार्मिक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीकयह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि सिख गुरुओं और साहिबजादों की शिक्षाओं और बलिदान को युवाओं और समाज तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को धार्मिक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बताते हुए कहा कि सभी धर्मों और समुदायों को सिख गुरुओं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।
वीर बाल दिवस का यह आयोजन खासतौर पर साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान को याद करने और उनकी वीरता को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए किया गया। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा में सिख समाज के योगदान को सम्मानित करने का भी एक प्रयास था।
इस आयोजन के दौरान सिख समाज के नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहल सिख गुरुओं और उनकी शिक्षाओं को सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस तरह के आयोजनों को हर साल बड़े स्तर पर किया जाएगा। राज्य सरकार सिख समाज के साथ मिलकर गुरुओं के बलिदान और शिक्षाओं को प्रचारित-प्रसारित करने का काम करेगी।