नाराज संजय निषाद की चेतावनी, गलती नहीं सुधारेगी तो 2022 में भुगतेगी भाजपा विरोधी बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं :- निषाद पार्टी सुप्रीमो संजय निषाद ने कहाकि, निषाद (मछुआ) समाज के सभी मुद्दे सरकार से संबंधित हैं। पीएम और सीएम ने जितना अधिक महत्व मछुआ समाज को दिया है पिछले 70 साल में नहीं मिला था। उन्होंने यहां तक कहा कि कुछ विरोधियों के माध्यम से उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। मछुआ समाज के भावनात्मक भाव को इस तरह से उछाला जा रहा है जैसे कि हम बगावत कर रहे हैं।
बदले तेवर पर सब लगा रहे कयास :- निषाद पार्टी सुप्रीमो संजय निषाद के इस तेवर को लेकर सब बेहद संशय में हैं। आखिरकार एक दिन में ऐसा क्या हुुआ कि उनके बगावती बोल एकाएक बदल गए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी कोई नई रणनीति हो।
16 जिलों में निषादों का बहुल्य :- पूर्वी यूपी समेत राज्य के करीब 16 जिलों में विधानसभा और लोकसभा की कई सीटों पर निषाद जाति के वोट निर्णायक होते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है। इस पार्टी का निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा प्रभाव माना जाता है। डा.संजय निषाद दावा करते हैं कि यूपी की 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर उनका समुदाय जिताने या हराने की ताकत रखता है।