महिला सुरक्षा के लिए महिला उपनिरीक्षक को दी गई विशेष जिम्मेदारी
महिला सुरक्षा के मामलों में एक महिला उपनिरीक्षक को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें मिशन शक्ति, एंटी रोमियो स्क्वायड, घरेलू हिंसा, महिला अपराध एवं सुरक्षा, महिला हेल्प डेस्क और महिला बीट के संचालन का काम सौंपा गया है। अन्य पुलिसकर्मियों को भी उनके कार्यक्षेत्र के अनुसार विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई हैं, जैसे कि अपराधों की विवेचना, साइबर अपराध, न्यायालय के मामलों में कार्रवाई, और नागरिक सेवाओं का संचालन। साइबर अपराध, न्यायालय के मामलों और नागरिक सेवाओं के लिए अलग-अलग अधिकारी नियुक्त थानों के प्रभारी निरीक्षक को अपराध नियंत्रण, उच्चाधिकारियों के निर्देशों का अनुपालन, संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी, मालखाना के शस्त्र व कारतूस का मिलान, कैशबुक का निरीक्षण, और गोपनीय पुस्तिका के रखरखाव जैसी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा। अतिरिक्त निरीक्षक विवेचनाओं और विवेचकों का पर्यवेक्षण, साइबर अपराध की जांच, और न्यायालय के मामलों में तत्परता से कार्रवाई करेंगे।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य थानों के कामकाज में पारदर्शिता लाना और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, ताकि लापरवाही की स्थिति में दोषी कर्मी पर कार्रवाई की जा सके। इस कदम से न केवल पुलिस प्रशासन का कामकाज प्रभावी होगा, बल्कि नागरिकों को भी अपनी समस्याओं का समाधान तेजी से मिल सकेगा।