मानसून का मचला मन, यूपी में अगस्त में झूम के बरसेंगे बादल आईएमडी अलर्ट
लखनऊ. monsoon active उत्तर प्रदेश में मानसून ने दोबारा से रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग ने राजधानी लखनऊ समेत पूरे यूपी में कई दिनों तक तेज बारिश की संभावना जताई है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से आने वाली दक्षिण पूर्वी हवाओं की वजह से ऐसा होने वाला है। वैसे आईएमडी ने भी कहा है कि यूपी में अगस्त माह में बादल झूमकर बरसेंगे। पहाड़ों और कई स्थानों पर लगातार बारिश होने से नदियों के किनारे बसे शहरों में जलस्तर तेजी से बढ़ा रहा है। जिस वजह से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए संकट पैदा हो गया है। वैसे लगातार बारिश से यूपी में कुछ ठंड जैसा माहौल हो जाएगा।
प्रयागराज में भगवान हनुमान को नहलाने को मचल रहीं हैं गंगा-यमुनातापमान में और गिरावट की उम्मीद :- मौसम विभाग निदेशक डा. जेपी गुप्ता ने बताया कि, मानसून दोबारा तेजी पकड़ रहा है। बंगाल की खाड़ी से आने वाली दक्षिण पूर्वी हवाओं की वजह से यूपी में भारी बारिश और तेज हवाएं चलेंगी। परन्तु लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में इसके चलते कई दिनों तक तेज बारिश की संभावना है। इससे तापमान में और गिरावट आने की उम्मीद है।
कुछ शहरों के लिए यलो अलर्ट घोषित :- आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र ने पांच अगस्त तक आगरा, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, फिरोजाबाद, झांसी के लिए यलो अलर्ट घोषित किया है। कई शहरों में गंगा, यमुना व अन्य नादियां खतरे के निशान के ईदगिर्द ही बह रहीं हैं। बनारस में गंगा चेतावनी बिंदु अब सिर्फ तीन मीटर ही दूर रह गई है।
यूपी में अगस्त में झूम के बरसेंगे बादल :- जून-जुलाई में मानसून की रफ्तार मैदानी इलाकों में अनियमित रही है। पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहाकि, अगस्त में बादल झूम के बरसेंगे। देश के उत्तरी हिस्सों के मैदानी इलाकों में अगस्त-सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। बारिश अगर 96 से 104 फीसदी के बीच होती है तो सामान्य और अगर यह 90 से 96 फीसदी के बीच रहे तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है।
सरयू के डर से खुद तोड़ रहे अपना आशियाना : बाराबंकी जिले में सरयू नदी की विनाशलीला से दहशत में ग्रामीण कटान के डर से अपना आशियाना खुद ही तोड़ना रहे हैं। जिससे उसमें लगी ईंट और दूसरे सामान का उपयोग बाद में किया जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि, जहां तक प्रशासनिक मदद का सवाल है तो यहां कोई देखने ही नहीं आ रहा। मकान तोड़ कर वह लोग किसी सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे हैं, जिससे उनकी जान बच सके। बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि एल्गिन चरसड़ी बांध पर सरयू नदी खतरे के निशान से करीब 27 सेमी नीचे बह रही है। जिन ग्रामीणों का घर कटान के पास आ रहा होगा वह ज्यादा नुकसान न हो इसीलिए अपना मकान तोड़कर सामान हटा रहे हैं।
शीघ्र ही गंगा-यमुना लेटे हनुमान को नहला देंगी : संगम नगरी प्रयागरा प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिस वजह से निचले इलाकों में पानी भर गया है। जनता में दहशत का माहौल है। और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। संगम क्षेत्र में जल पुलिस के साथ एसडीआरएफ की टुकड़ी भी तैनात कर दी गई है। सिंचाई विभाग बाढ़ नियन्त्रण कक्ष से चौबीस घंटे बढ़ते जल स्तर की मानीटरिंग कर रहा है। वैसे गंगा-यमुना नदियां अभी खतरे के निशान से करीब चार मीटर नीचे बह रहीं हैं। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगले तीन चार दिनों में गंगा यमुना लेटे हुए हनुमान नहला देंगी।
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