यूपी के छात्रों को पढ़ना होगा योगी का हठयोग, रामदेव की कपालभाती भाजपा आयोग और निगमों में कार्यकर्ताओं को देगी पद भाजपा प्रदेश में तमाम निगम आयोगों और प्रकोष्ठ में खाली जगहों पर अपने कार्यकर्ताओं को समायोजित करने जा रही है। आने वाले 1 महीने में तमाम पदों पर नियुक्तियां कर ली जाएंगी। इससे कार्यकर्ताओं की नाराजगी कम करने की कोशिश होगी। अल्पसंख्यक आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अन्य पिछड़ा आयोग में अध्यक्ष पद खाली है। जबकि भाजपा में महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, युवा मोर्चा अनुसूचित जाति मोर्चा, अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा में अध्यक्ष पद को भरा जाएगा। इसी तरह भाजपा के विभिनन प्रकोष्ठों में नियुक्तियां करके कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया जाएगा।
कांग्रेस में इमरान प्रतापगढ़ी सहित कई को बड़ी जिम्मेदारी चुनाव पूर्व कांग्रेस ने शायर इमरान प्रतापगढ़ी को कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह इमरान मसूद को पार्टी का महासचिव बनाने के साथ ही दिल्ली यूनिट का प्रभारी बनाया गया है। जबकि बृजलाल खाबरी को एआइआइसी में सेेक्रेटरी और बिहार का प्रभारी बनाया गया है। कांग्रेस सेवा संगठन के जरिए भी जमीनी स्तर पर उतर कर कार्य कर रही है। प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की इकाई को भी सक्रिय करने का प्रयास किया है। युवा और सक्रिय कार्यकर्ताओं को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। खासकर मुस्लिम चेहरों को और अधिक जिम्मेदारियां देकर उन्हें और सक्रिय करने का प्रयास किया जा रहा है।
बसपा से बिछड़े सभी बारी-बारी बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर पार्टी के दो पुराने लॉयलिस्टों को बाहर का रास्ता दिया है। विधायक लालजी वर्मा और राम अचल राजभर बसपा के शुरुआती दिनों के साथी थे इन्हें निष्काषित कर दिया गया है। मायावती का आरोप है कि ये दोनों विधायक अपने पूर्व साथियों की तरह किसी और दल का दामन थामने की कोशिश में थे। लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक बीएसपी के तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा सीनियर नेता, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष बसपा छोड़ सपा का दामन थाम चुके हैं। पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के बसपा छोडऩे के बाद यह सिलसिला जारी है। हालत यह है कि बसपा के 19 विधायकों में से सिर्फ सात ही अब बचे हैं।