आबकारी विभाग सरकार को करता है मालामाल उप्र में सबसे ज्यादा राजस्व आबकारी महकमा देता है। 2017-18 में आबकारी विभाग का अनुमानित राजस्व साढ़े पंद्रह हजार करोड़ था। 2018-19 में इसमें साढ़े चार हजार करोड़ की बढ़ोतरी कर दी गई है। वर्ष 2020-21 में कोरोना काल में भी शराब की दुकानों से खूब राजस्व मिला। 2021-22 के नए वित्तीय वर्ष में शराब व बीयर की बिक्री से 35500 करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा गया है।
लखनऊ पुलिस ने पकड़ा अरबों रुपए की कीमत का कैलिफोर्नियम, आठ गिरफ्तार अवैध शराब रोकने का सरकारी तंत्र लाचार अवैध शराब बिक्री रोकने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है। पुलिस के सहयोग से विभाग शराब के अवैध कारोबार की सुरागरसी और धड़पकड़ करती है। प्रवर्तन दल और स्पेशल स्ट्राइकिंग फोर्स डिस्टलरियों की 24 घंटे निगरानी करते हैं। हालांकि, अधिकतर आबकारी अधिकारी और इंस्पेक्टर की तैनाती डिस्टलरी की निगरानी में ही लगायी जाती है। लेकिन आबकारी विभाग के पास पुलिस और इंस्पेक्टर सीमित संख्या में है। संशाधनों की भी बेहद कमी है। इसी का फायदा शराब माफिया उठाते हैं।
2021 में कहां-कहां हुई मौतें पिछले छह माह में शराब से हुुई मौतों के विश्लेषण से पता चलता है कि ज्यादातर सरकारी ठेकों से खरीदी गयी शराब पीकर लोग अपनी मौत गवाएं हैं। वर्ष 2021 में प्रतापगढ़, प्रयागराज, चित्रकूट, बांदा, अंबेडकर नगर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बदायूं, बुलंदशहर, हाथरस और अलीगढ़ में जहरीली शराब पीकर 100 से अधिक लोग दम तोड़ चुके हैं। इन मौतों के जिम्मेदार कारोबारियों में से अधिकतर जमानत पर बाहर हैं।
इस तरह से चलता है अवैध कारोबार यूपी में बड़े पैमाने पर सरकारी लाइसेंसी दुकानों पर हरियाणा से मंगायी गयी नकली शराब धड़ल्ले से बिकती है। भाजपा सरकार ने सपा और बसपा की सरकारों में अंग्रेजी शराब के कारोबार में एकाधिकार रखने वालों का नेटवर्क तो खत्म किया, लेकिन कच्ची और देशी शराब के स्थानीय माफियाओं का नेटवर्क तोडऩे में यह नाकाम रही है। गांव-गांव में चल रही भट्टियों की कच्ची शराब इन सरकारी ठेकों के जरिए बिकती है।
नए नियमों से भी कोई डर नहीं 2017 में आबकारी अधिनियम में संशोधन कर नई धारा 60 (क) जोड़ी गई। प्रावधान किया गया कि किसी की मौत हो जाने पर जहरीली शराब बनाने और बेचने वाले को उम्र कैद या मृत्युदंड की सजा और दस लाख रुपये का जुर्माना देय होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहरीली शराब के गुनाहगारों के खिलाफ एनएसए जैसी सख्त कार्रवाई के साथ ही उनकी संपत्ति जब्त कर उससे पीडि़तों के परिवारों को मुआबजा दिए जाने के आदेश दिए हैं।
क्या कहते हैं आबकारी मंत्री अवैध शराब बेचने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
-राम नरेश अग्निहोत्री, आबकारी मंत्री, उप्र
अफसर तो पल्ला झाड़ रहे अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी का कहना है कि शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए टोल फ्री और व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं। लोग इस पर जहरीली शराब की बिक्री की सूचना दे सकते हैं।