संगठन मंत्री ने चुनावी गणित को समझा
अध्यक्ष और संगठन मंत्री ने तो हर लोकसभा क्षेत्र में रात्रि विश्राम भी किया और चुनावी गणित को समझा। मौके की नजाकत समझी और टिप्स भी दिए। भाजपा के जानकार बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में संगठन ने लगभग हर चुनाव में कील कांटे दुरुस्त किए। जहां एक तरफ शीर्ष नेतृत्व के लोग चुनाव प्रचार में आ जा रहे थे, वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी यूपी के हर जिले में पहुंच कर संगठन की नब्ज टटोली। जरूरत के हिसाब से रणनीति तैयार की। रैलियों, सम्मेलन के जरिए चुनावी अभियान को धार दिया। इन दोनों नेताओं ने न सिर्फ लोकसभा स्तर की बैठक की बल्कि पन्ना प्रमुखों और शक्ति केंद्र प्रमुखों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति को पुख्ता किया। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में ठीक से लगें, इसके लिए जमीन तैयार की। नाराज लोगों को भी मनाने और उन्हें चुनाव में पार्टी के पक्ष में प्रचार के लिए तैयार करने का काम भी बेहतर ढंग से किया।
कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन ने किया संजीवनी
हर लोकसभा सीट की कम से कम एक-एक बार समीक्षा और कार्यकर्ता प्रोत्साहन का काम करना संजीवनी का काम कर गया। परिणामस्वरूप, लड़ाई वाली सीटों के लिए अतिरिक्त कार्य हुआ और भाजपा उम्मीदवारों की उम्मीदों को पंख लगे। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पूरे चुनाव समय में 141 कार्यक्रम में शामिल हुए, जिनमें जनसभाओं में हिस्सेदारी, रोड शो, महिला, युवा और बूथ अध्यक्ष सम्मेलनों सहित लोकसभा सीटों की संगठनात्मक बैठक शामिल रहीं। संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने भी प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। 80 लोकसभा सीटों की संगठनात्मक बैठकें की। पन्ना प्रमुखों और बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में रणनीति तैयार की। दोनों नेताओं ने ल0गभग हर लोकसभा सीट में रात्रि विश्राम भी किया। इस दौरान बूथ लेवल की हर छोटी बड़ी कमियों को दूर करने का काम किया। जातीय गोलबंदी को फेल करने की रणनीति तैयार की और असंतुष्ट कार्यकर्ताओं व नेताओं से व्यक्तिगत संपर्क साधा।
जानें क्या है एग्जिट पोल के नतीजे
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का संगठन 24 घंटे जनता के बीच रहता है। सुख दुख में शामिल होता है। इसलिए संगठन को जमीनी हकीकत का पता होता है। हमारे शीर्ष नेतृत्व भी हर समय जगह प्रवास कर सांगठनिक थाह लेते रहते हैं। इसी कारण लोकसभा चुनाव में विपक्ष दूर दूर तक कहीं दिखा नहीं। अभी एग्जिट पोल में ही विपक्ष हारा है। चार जून को जब नतीजे आएंगे तो इनका कहीं पता नहीं चलेगा।