BSP की मुखिया मायावती ने फैसला किया है कि उनकी पार्टी इस बार का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी। मतलब मुकाबला SP-कांग्रेस एलायंस और एनडीए (NDA) गठबंधन के बीच रहेगा। जिसमें वेस्ट यूपी में अब राष्ट्रीय लोक दल (RLD) बीजेपी गठबंधन का हिस्सा है। वहीं पूर्वांचल क्षेत्र में भी
BJP ने कई जातीय आधारित और क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन कर ली है।
उत्तर प्रदेश के यदि बीते दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 2014 में बीजेपी गठबंधन ने उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 73 सीटें जीतीं थी। और 2019 के चुनाव में अकेले BJP ने 62 सीटें हासिल की थी और सहयोगी अपना दल को 2 सीटें जीतने में कामयाबी मिली थी।
2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में 23 सीटें जीती थी। वहीं SP-BSP ने 4-4 सीटें हासिल की थी। बसपा ने जहां सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर और नगीना (एससी सीट) जीती। तो वहीं समाजवादी पार्टी ने संभल,मैनपुरी, मुरादाबाद और रामपुर की सीटें हासिल की। गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व मुलायम सिंह यादव किया करते थे। यहां से अब उनकी बहु डिंपल यादव सांसद हैं। इस बार भी सपा ने उन्हें इसी सीट से मैदान में उतारा है।
मध्य यूपी में अमेठी और रायबरेली की सीट बहुत अहम मानी जाती है। पहले इन दोनों सीटों को कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था। हालांकि बीजेपी ने 2019 के चुनाव में अमेठी पर कांग्रेस का किला ढहा दिया था। और स्मृति ईरानी ने यहां अपनी पार्टी बीजेपी का परचम लहराया था।वहीं रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हुआ करती थीं। लेकिन इस बार वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गई हैं। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में कांग्रेस पार्टी को रायबरेली सीट मिली है। लेकिन कांग्रेस पार्टी की तरफ से फिलहाल उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है।
2019 के आम चुनाव में लखनऊ सीट से राजनाथ सिंह जीते थे। बसपा को इस क्षेत्र से सिर्फ एक सीट ही मिली और पार्टी के कैंडिडेट रितेश पांडे ने जीत दर्ज की। वह अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। वहीं सपा का इस इलाके से सफाया हो गया था। मध्य उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 13 सीटें हासिल की थी। इसमें प्रतिष्ठित फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट भी शामिल है। जो हिंदू श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है।
पूर्वांचल में 30 सीटें हैं। वाराणसी लोकसभा सीट भी इसी क्षेत्र में पड़ता है। जिसका प्रतिनिधित्व खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं। 2019 के चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने इस क्षेत्र से 5 सीटें हासिल की थी। और सपा को एक सीट आजमगढ़ के रूप में मिली थी। वहीं अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल ने 2 सीटें हासिल की थी।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र भाजपा के कब्जे में हैं। यहां बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी 4 सीटें जीती थी। इस इलाके में झांसी, हमीरपुर, बांदा और जालौन जैसी चार लोकसभा सीटें हैं। बुन्देलखण्ड इलाके में पानी की किल्लत काफी ज्यादा होती है। पीएम मोदी और राज्य की योगी सरकार ने इस क्षेत्र के लिए पेयजल योजना का ऐलान किया था। जिसके जरिए लोगों को शुद्ध पानी मिलता है। इसका चुनाव में बड़ा प्रभाव रहने वाला है।