लोन मिलने में होती है आसानी अगर आप की वेतन कम है तब भी आपको आइटीआर(ITR) भरना चाहिए। अगर आप कोई कर्ज लेने जा रहे हैं तो बैंक आपकी कमाई के अनुसार योगिता की जांच करता है। बैंक कितना कर्ज देगा यह निर्भर करता है कि आप की कमाई कितनी है और आइटीआर में इसका जिक्र होता है। आइटीआर(ITR) ऐसा दस्तावेज है जिसका इस्तेमाल सभी बैंक कर्ज की आसान प्रोसेसिंग के लिए करते हैं। आमतौर पर बैंक कर्ज प्रोसेसिंग के दौरान अपने ग्राहकों से तीन साल तक के आईटीआर(ITR) की मांग करते हैं। अगर कोई होम या कार लोन चाहते हैं तो भी इसकी जरूरत पड़ती है।
प्रमाण पत्र आयकर रिटर्न(ITR) एड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल होता है। इसका इस्तेमाल आधार कार्ड बनवाने में भी कर सकते हैं। कंपनी की ओर से कर्मचारी को form16 जारी किया जाता है जो कमाई बताता है। स्वरोजगार करने या फ्रीलांस करने वालों के लिए आइटीआर फाइलिंग दस्तावेज कमाई का प्रमाण पत्र होता है।
ये भी पढ़ें: Benefits of PF: सात लाख का एकदम मुफ्त बीमा, थोड़ी सी जानकारी से पाएं बेहतरीन लाभ वीजा प्रोसेसिंग में मददगार आइटीआर(ITR) का इस्तेमाल वीजा प्रोसेसिंग के लिए भी जरूरी दस्तावेज के रूप में कर सकते हैं। अगर विदेश जा रहे हैं तो ज्यादातर देश आईटीआर(ITR) की मांग करते हैं। इससे पता चलता है कि व्यक्ति अपने देश में समय पर टैक्स का भुगतान करता है। इससे वीजा प्रोसेसिंग अधिकारियों को आप की मौजूदा वित्तीय हालात और कमाई के बारे में जानकारी मिलती है। इससे वीजा मिलने में आसानी होती है।