मालामाल आदमी पायजामे में पहुंच जाता था शादी-ब्याह में, चलता था खटारा कार से केन्द्रीय जांच एजेंसी डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटलीजेंस (डीजीजीआई) की छापेमारी में अब तक की सबसे बड़ी कर चोरी का पता चला है। कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन की अब तक करीब एक हजार करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा एजेंसी ने किया है। हैरानी की बात यह है कि इतनी संपत्तियों का मालिक पीयूष जैन बहुत साधारण जिंदगी जीता था। शादी-ब्याह में अक्सर वह मोटरसाइकिल या अपनी पुरानी खटारा कार से पायजामा-बुशर्ट पहनकर पहुंच जाता था। अभी तक एजेंसी ने 257 करोड़ रुपए नगद, कई किलो सोना,16 बेशकीमती प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद किए हैं। इनमें दुबई में दो प्रॉपर्टी, कन्नौज में 7, दिल्ली में एक, मुंबई में दो व कानपुर में चार संपत्तियां मिली हैं।
50 घंटे तक चली पूछताछ 50 घंटे से ज्यादा समय तक चली पूछताछ के बाद के पीयूष जैन को रविवार की रात गिरफ्तार किया गया। रात्रि उसने काकादेव थाने में गुजारी। यहां महिला हेल्प डेस्क के कमरे में एक कंबल ओढ़कर सर्द रातें बीतीं। मेडिकल चेकअप के बाद उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया।
पिता हैं केमिस्ट पीयूष जैन का कारोबार कानपुर बेस्ड है। कन्नौज की जैन स्ट्रीट में उनका पुश्तैनी घर है। जो अब एक आलीशान कोठी में तब्दील हो गया है। पीयूष जैन के पिता महेंश चंद्र जैन पेशे से केमिस्ट हैं। उनके बेटों पीयूष और अंबरीष ने इत्र और खाने-पीने की चीजों में मिलाए जाने वाले एसेंस (कंपाउंड) बनाने का तरीका इन्हीं से सीखा था।
मुंबई से होता है कारोबार पीयूष जैन 40 से ज्यादा कंपनियों के मालिक हैं। इनमें से दो कंपनियां मिडिल ईस्ट में हैं। कन्नौज में पीयूष की परफ्यूम फैक्ट्री, कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप भी हैं। मुंबई में पीयूष का हेड ऑफिस है। इत्र का सारा बिजनेस मुंबई से ही होता है। यहीं से इत्र विदेश भेजा जाता है।
200 से अधिक फर्जी इनवाइस पीयूष जैन पर आरोप है कि कई फजर्जी फर्मों के नाम से बिल बनाकर कंपनी ने करोड़ों रुपयों की जीएसटी चोरी की। पीयूष के घर से 200 से अधिक फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल मिले हैं। पीयूष के 7 घरों पर छापेमारी में 350 फाइलें और 27 दस्तावेज मिले हैं। कानपुर के मकान से 18 लॉकर व 500 चाबियों का गुच्छा मिला है।
इत्र और गुटखे का कारोबार अभी तक पीयूष के इत्र व गुटखा व्यापार का पता चला है। चर्चाएं हंै कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पीयूष के पास पैसा जमा किया जा रहा था जिसकी भनक केन्द्रीय जांच एजेंसी को लग गई।
मोटरसाइकिल से चलता था व्यापारी अरबों की संपत्ति का मालिक पियूष मोटर साइकिल से चलता था। कहीं आने जाने के लिए वह खटारा कारों का इस्तेमाल करता था। अपनी वास्तविकता को छुपाने के लिए पीयूष अपने चौकीदारों और नौकरों को एक दो साल में बदल देता था।