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इंटरनेशनल नो डाइट-डे पर बड़ा खुलासा, जीरो फिगर के फेर में बीमार हो रहीं लड़कियां, क्या बोले डॉक्टर?

International No Diet Day : आज इंटरनेशनल नो डाइट-डे है। इससे एक दिन पहले यानी पांच मई को किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की चीफ डायटीशियन ने बताया कि जीरो फिगर के फेर में लड़कियां ज्यादा डाइटिंग कर बीमार पड़ रही हैं।

लखनऊMay 06, 2023 / 10:31 am

Vishnu Bajpai

International No Diet Day
International No Diet Day : आज यानी छह मई को इंटरनेशनल नो डाइट-डे मनाया जाता है। इसके तहत आज बिना रोक-टोक के खाने-पीने की परंपरा है। वहीं इससे एक दिन पहले यानी पांच मई को किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की चीफ डायटीशियन ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि जीरो फिगर के फेर में जीरो फिगर के फेर में युवतियां खाना-पानी त्याग रही हैं। यानी आजकल लड़कियां जीरो फिगर के फेर में डाइटिंग के नाम पर सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं। आइए जानते हैं इसपर डॉक्टरों की क्या राय है..
डाइटिंग की बदौलत खुद को फिट रखने की सोच रहे हैं तो भूल जाएं। डाइटिंग बॉडी आकार बदले या न बदले कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकती है। दुबले होने के फेर में युवतियां अस्पताल पहुंच जा रही हैं। बड़ी संख्या में डायटीशियन से दुबले होने के टिप्स भी ले रही हैं। इससे दिल, गुर्दा, एनीमिया, उल्टी-चक्कर, घबराहट घेर रही हैं। आइए बताते हैं पीजीआई और केजीएमयू के डायटीशियन क्या कहते हैं…
डाइटिंग के नाम पर सेहत से खिलवाड़ करना खतरनाक
पीजीआई की डायटीशियन निरूपमा सिंह का कहना है कि डाइटिंग के नाम पर सेहत से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। लंबाई के हिसाब से वजन रखें। वजन घटाने के बहुत से तरीके हैं। विशेषज्ञ की सलाह पर ही वजन घटाएं। उन्होंने बताया कि युवक भी पीछे नहीं हैं। मसलन मजबूत, शरीर को खूबसूरत दिखने को क्षमता से ज्यादा कसरत गंभीर रोगों की वजह है। इससे टाइप-2 डायबिटीज़, ओस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों में कैल्शियम की तेजी से कमी होना और डिप्रेशन की बीमारी बढ़ने की संभावना प्रबल होती है।
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एकदम से वजन घटाने के चक्कर में कमजोर पड़ रहा शरीर
केजीएमयू की चीफ डायटीशियन सुनीता सक्सेना का कहना है कि एकदम से वजन घटाने के जुनून में युवक व युवतियों में आयरन-कैल्शियम की कमी हो जाती है। पौष्टिक भोजन न छोड़े। चिकनाई बेहद कम कर प्रोटीन, विटामिन पर्याप्त लेना है। नींबू पानी लें। भरपूर पानी पीएं। कसरत, योग से वजन घटा सकते हैं। सिर्फ डाइट से वजन कम करने की कोशिश न करें। एनीमिया या दिल संबंधी बीमारी हो जाती है। डायटीशियन सुनीता के मुताबिक समय से भोजन करना चाहिए। भूख से ज्यादा खाना खाने से बचें।
ये दिन मनाने के पीछे का इतिहास, आखिर क्यों मनाते हैं?
‘अंतर्राष्ट्रीय नो डाइट डे’ को पहली बार साल 1992 में मनाया गया था. इस दिन को सबसे पहले एक ब्रिटिश महिला मैरी इवांस ने मनाना शुरू किया। मैरी इवांस ने लोगों को समझाना शुरू किया कि ज्यादा डाइटिंग उनके हेल्थ पर बहुत बुरा असर डाल सकती है।
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ऐसे में इस दिन को मनाने के लिए मैरी ने अपने कुछ रिश्तेदारों और दोस्तों को एक हाउस पार्टी में बुलाया। इसके बाद से ही हर साल 6 मई को लोग ‘अंतर्राष्ट्रीय नो डाइट डे’ मनाते हैं। इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए घर में पार्टी का आयोजन करते हैं और अपने पसंद का खाना बिना किसी रोक-टोक के खाते हैं।

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