पीजीआई की डायटीशियन निरूपमा सिंह का कहना है कि डाइटिंग के नाम पर सेहत से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। लंबाई के हिसाब से वजन रखें। वजन घटाने के बहुत से तरीके हैं। विशेषज्ञ की सलाह पर ही वजन घटाएं। उन्होंने बताया कि युवक भी पीछे नहीं हैं। मसलन मजबूत, शरीर को खूबसूरत दिखने को क्षमता से ज्यादा कसरत गंभीर रोगों की वजह है। इससे टाइप-2 डायबिटीज़, ओस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों में कैल्शियम की तेजी से कमी होना और डिप्रेशन की बीमारी बढ़ने की संभावना प्रबल होती है।
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एकदम से वजन घटाने के चक्कर में कमजोर पड़ रहा शरीरकेजीएमयू की चीफ डायटीशियन सुनीता सक्सेना का कहना है कि एकदम से वजन घटाने के जुनून में युवक व युवतियों में आयरन-कैल्शियम की कमी हो जाती है। पौष्टिक भोजन न छोड़े। चिकनाई बेहद कम कर प्रोटीन, विटामिन पर्याप्त लेना है। नींबू पानी लें। भरपूर पानी पीएं। कसरत, योग से वजन घटा सकते हैं। सिर्फ डाइट से वजन कम करने की कोशिश न करें। एनीमिया या दिल संबंधी बीमारी हो जाती है। डायटीशियन सुनीता के मुताबिक समय से भोजन करना चाहिए। भूख से ज्यादा खाना खाने से बचें।
‘अंतर्राष्ट्रीय नो डाइट डे’ को पहली बार साल 1992 में मनाया गया था. इस दिन को सबसे पहले एक ब्रिटिश महिला मैरी इवांस ने मनाना शुरू किया। मैरी इवांस ने लोगों को समझाना शुरू किया कि ज्यादा डाइटिंग उनके हेल्थ पर बहुत बुरा असर डाल सकती है।