50 मौरंग के खनन पट्टे को दी थी मंजूरी
बता दें कि सीबीआई टीम की जांच में सामने आया है कि जब समाजवादी सरकार में चन्द्रकला को पहली बार यूपी के हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर तैनाती दी गई थी। तब आईएएस चंद्रकला ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे। जबकि ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था लेकिन आईएएस चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों को न देखते हुए 50 मौरंग के खनन पट्टे को मंजूरी दी थी।
जानिए आईएएस चंद्रकला की कहां कहां रही तैनाती
आईएएस चंद्रकला आंध्र प्रदेश की रहने वाली है। इसके बाद जब उन्हें यूपी कैडर दिया गया और इलाहाबाद और मथुरा में रहते हुए आईएएस चंद्रकला ने यूपी में ईमानदारी मिशाल पेश की। बुलंदशहर में रहते डीएम चंद्रकला ने एक वीडियो में सड़क की क्वालिटी को लेकर संबंधित लोगों तो डांटती दिखाई दी। उसी वीडियो ने डीएम चंद्रकला को ईमानदारी का सबूत दिया और पूरे भारत में पहचान बन गई।
1. आईएएस बी चंद्रकला का जन्म फ़र्टिलाइज़र सिटी, रामागुंडम, करीमनगर, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) स्थित एक आदिवासी समुदाय में बी. किशन और बी. लक्ष्मी के घर तीसरी संतान के रूप में हुआ था।
2. आईएएस बी चंद्रकला कक्षा 10 वीं की परीक्षा में प्रदर्शन काफी खराब रहा था। जिसके कारण उन्हें उच्च शिक्षा के क्षेत्र विज्ञान, वाणिज्य और गणित में प्रवेश नहीं मिल सका था। जिसके चलते उन्हें कला से स्नातक करनी पड़ी, लेकिन स्नातक के दूसरे वर्ष में ही उनका विवाह कर दिया गया था।
3. आईएएस बी चंद्रकला ने शादी के बाद आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग की तैयारी करनी शुरू कर दी। जिसके चलते उन्होंने एससी / एसटी श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल करते हुए परीक्षा को उत्तीर्ण किया और उन्हें सहकारी समितियों के उप निबंधक के रूप में नियुक्त किया गया।
4. आईएएस बी चंद्रकला आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग में सफलता प्राप्त करने के बाद सिविल सेवा की परीक्षा देने का निर्णय किया। वह अपने पहले तीन प्रयासों के बाद वह प्रारंभिक परीक्षा की पात्रता हासिल नहीं कर पाईं। उसके पश्चात् चौथे प्रयास में मुख्य परीक्षा को उत्तीर्ण करते हुए, 409 रैंक हासिल की।
6. वह वर्ष 2008 बैच के यूपी कैडर की आईएएस अधिकारी बनीं। जिसके चलते उन्हें मथुरा, बुलंदशहर, इत्यादि के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के रूप में नियुक्त किया गया।
7. वह अपनी मां के बहुत करीब हैं। उनकी मां बी. लक्ष्मी एक उद्यमी हैं। एक अशिक्षित महिला (बी. लक्ष्मी) होने के कारण उन्हें शिक्षा के महत्व का बहुत अच्छे से ज्ञान था। उन्होंने अपने अपने सभी बच्चों को एक अच्छा रास्ता दिखाया। जिसके कारण बी. चंद्रकला ने अपनी सफलता के पीछे अपनी मां को श्रेय दिया।