बता दें मामले में डीएम हमीरपुर के तौर पर आईएएस बी चंद्रकला के पौने तीन साल के कार्यकाल की जांच की जा रही है। 2 साल की जांच के बाद सीबीआई ने बी चंद्रकला और सपा एमएलसी पर एफआईआर दर्ज की है। उनके खिलाफ आपराधिक साज़िश, अवैध वसूली की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है।अखिलेश यादव की सरकार में आईएएस बी. चंद्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी.।आरोप है कि इस आईएएस ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे, जबकि ई-टेंडर के जरिये मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था, लेकिन चंद्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी।
वहीं मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए थे। इस तबादले की लिस्ट में चंद्रकला भी शामिल थीं। चंद्रकला को विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा के काम की जिम्मेदारी दी गई थी।
वहीं सीबीआई उस प्रकरण के बारे में भी जानकारी कर रही है जब चंद्रकला ने वर्ष 2015 में अपनी संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया था। बाद में जब उनकी तरफ से संपत्ति का ब्योरा दिया गया तो वह वर्ष 2011-12 के 10 लाख के मुकाबले वर्ष 2013-14 में बढ़कर एक करोड़ हो गई। उनकी संपत्ति मात्र एक साल में इतनी बढ़ने पर काफी चर्चा हुई थी।