ये भी पढ़ें- कोरोना मरीजों को लेकर सरकार ने बदले नियम, अब इतने समय में किया जाएगा अस्पताल से डिस्चार्ज आसान नहीं था अस्पताल के लिए- मंगलवार को एचआईवी पॉजिटिव मरीज ने महज छह दिनों में कोरोना को मात दे दी, जो अपने आप में प्रदेश का पहला केस है व लखनऊ के केजीएमयू अस्तपाल के लिए खुशी की बात भी है। 34 वर्षीय मरीज दिल्ली से 19 मई को गोंडा में अपने गांव के लिए निकला था। रास्ते में सड़क हादसे में युवक घायल हो गया। उसके सिर में चोट लग गई। जिसके बाद उसे केजीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिर में चोट लगने के कारण वह मानिसक रूप से बीमार हो गया था। तो उसकी बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता था। साथ ही वह एचआईवी पॉजिटिव और कोरोना जांच में भी पॉजिटिव पाया गया। एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। अस्पताल के लिए ऐसे में यह चुनौतीपूर्ण मामला था। लेकिन डॉक्टरों की टीम ने हार नहीं मानी। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट का कहना है कि मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी और कोरोना वार्ड में लगे डॉक्टरों की टीम ने संयुक्त रूप से इलाज की रणनीति बनाई। पूरी टीम की सक्रियता का नतीजा यह रहा कि सर्जरी के बाद मरीज की न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या खत्म हो गई है। एक तरह से यह मरीज तीन बीमारी से ग्रसित हो गया था लेकिन छह दिन में ही उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।