प्याज की बढ़ती कीमत परेशान करने लगी है। थोक व फुटकर सब्जी विक्रेता अपनी मनमानी छिपाने के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपण कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले जहां प्याज की कीमत 30-35 रुपये थी, वही अब 45-50 रुपये में बिक रहा है। प्याज की कीमतों में अचानक आई बढ़ोतरी से आम जनता की जेब ढीली हो रही है।
ये भी पढ़ें: कम उम्र में खरीदना चाहते हैं घर तो ध्यान रखें ये बातें, नहीं होगी पैसों की तंगी भूतनाथ के सब्जी विक्रेता अलाउद्दीन वराइनी ने बताया कि मंडी से ही प्याज 38 रुपये में मिल रहा है। सिकंदरबाग पर सब्जी बेचने वाले विनोद और कल्याणपुर सब्जी मंडी से सप्लाई देने वाले विजय कहते हैं कि प्याज आ ही नहीं रहा है, मंडी में यही कहा जाता है। हमें वहां से जिस भाव में मिलता है, उसमें भाड़ा जोड़कर ग्राहक से लेते हैं। विनोद का कहना है कि प्याज नहीं है तो जमाखोरी बढ़ गई है, इसलिए 50 रुपये में बेचना मजबूरी है।
प्रदेश में खोले जाएंगे प्याज के केंद्र प्याज के दामों को नियंत्रित करने के लिए मंत्रालय ने प्रदेश में बिक्री केंद्र खोलने की योजना बनाई है। इसके लिए मंत्रालय ने अफसरों से इस बात की जानकारी भी मांगी है किसप्रदेश को कितनी मात्रा में प्याज की जरूरत है और इसे बेचने के लिए प्रदेश भर में कितने केन्द्र खोले जाएंगे।
यूपी में बहुत कम होता है प्याज का उत्पादन प्रदेश में बमुश्किल 30,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती हो रही है जबकि उत्पादन करीब 4, 40,000 टन है जो यहां की जरूरत के हिसाब से काफी कम है। प्रदेश के फतेहपुर, जालौन, झांसी, बांदा, ललितपुर, चित्रकूट, बदायूं, गाजीपुर व चन्दौली जिले में प्रमुख रूप से प्याज की खेती होती है। प्रदेश की प्याज की मांगों की पूर्ति महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश से होती है।