करीब एक माह पहले 20 वर्षीय बेटी को बुखार की शिकायत होने पर परिजन उसे कोखराज थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल भर्ती कराया। युवती के पिता ने कहा कि अस्पताल संचालक ने इलाज के नाम पर तीन किस्तों में उससे एक लाख पांच हजार रुपये जमा कराए। बावजूद बेटी की हालत नहीं सुधरी तो चिकित्सकों ने उसे आईसीयू में शिफ्ट करने की बात कही। आइसीयू में युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। युवती ने परिजनों को डॉक्टर की करतूत के बारे में बताया। परिजनों की शिकायत पर अस्पताल प्रबंधन ने युवती की दिमागी हालत ठीक न होने पर बात कहकर मामले को दबा दिया। और फिर एक युवती की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। पीड़िता के पिता का आरोप है कि राज खुलने के डर से उसकी बेटी को मार डाला गया।
जांच में सच आया सामने
13 अक्टूबर को परिजनों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई। डीएम ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच मजिस्ट्रेट से कराने का निर्देश दिया था। एडीएम न्यायिक विश्राम यादव की अध्यक्षता में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. छवि जौहरी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी विनीता ने पूरे मामले की पड़ताल की। टीम ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है, जिसमें मृतका के पिता के लगाये गये सभी आरोप सही साबित हुए हैं।