ये भी पढ़ें- आम मृत्यु नहीं सभापति के बेटे की हुई निर्मम हत्या, पूरा परिवार छुपाता रहा यह खौफनाक सच, पोस्टमॉर्टम ने पलट दिया पूरा मामला अधिवक्ताओं का यह है कहना- प्रथम द्रष्टता लोग मान रहे हैं कि जज ने तनाव में आकर आत्महत्या की है। वो चौथी मंजिल पर पहुंचे और उन्होंने वहां से छलांग लगा ली, लेकिन अधिवक्ताओं के बयान इससे जुदा है। उनका कहना है कि उन्होंने खुदखुशी नहीं की बल्कि वो हादसे का शिकार हुए हैं।
उन्होंने कहा कि रमेश चंद्र पांडेय का कुछ ही दिन पहले एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और पैर में अंदरूनी चोटें भी आई थी। इस कारण वह चल नहीं पा रहे थे। उनका ऑपरेशन हुआ और पैर में लोहे की रॉड डाली गई थी। काफी दिन अस्पताल में रहने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया था।
ठीक से चल भी नहीं पाते थे- वहीं आज मंगलवार की दोपहर वे दो बजे सीढ़ियों से धीमे-धीमे चढ़कर चौथी मंजिल पर पहुंचे और वहां से वे नीचे गिर गए। अनुमान यह भी लगाया जा रहा कि पैर से ठीक से न चल पाने के कारण वह संतुलन नहीं बना पाए और खिड़की से नीचे गिर गए। उनके सिर पर गहरी चोटें आईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। अधिवक्ताओं का यह भी कहना है कि हादसे में चोटिल होने के बाद रमेश चंद्र पांडेय तनाव में रहने लगे थे। बीते दिनों उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे भी दिया था। जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है। इनकी जगह दूसरे व्यक्ति ने कार्यभार गृहण कर लिया है।