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इस बोट को सरयू घाट के किनारे असेंबल किया गया है तथा देश के विभिन्न कोनों से इसके कल-पुर्जे व अन्य साजो-सामान मंगाए गए हैं। फिलहाल, एक बोट को कंप्लीट कर लिया गया है तथा इसके टेस्टिंग फेज की प्रक्रिया जारी है। माना जा रहा है कि 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्व सीएम योगी द्वारा इसका उद्घाटन किया जाएगा तथा आगे आने वाले दिनों में ऐसी अन्य बोटों के नियमित संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।कई मायनों में खास है सोलर पावर इनेबल्ड बोट
यह सोलर पावर इवेबल्ड बोट क्लीन एनर्जी के जरिए संचालन की परिकल्पना के आधार पर कार्य करती है। यह ड्यूअल मोड ऑपरेटिंग बोट है जो 100 प्रतिशत सोलर इलेक्ट्रिक पावर बेस पर काम करती है। इसे सोलर एनर्जी से चार्ज करने के साथ ही इलेक्ट्रिक एनर्जी के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह बोट कैटामरैन केटेगरी की है जिसके अंतर्गत दो हल स्ट्रक्चर्स को जोड़कर एक बोट स्ट्रक्चर में कन्वर्ट किया जा सकता है। यह बोट फाइबरग्लास बॉडी युक्त है जोकि लाइट वेट व हेवी ऑपरेशन ड्यूरेबल मटीरिल से बनी है। साथ ही, बोट के संचालन के दौरान किसी प्रकार के ध्वनि या पर्यावरणीय प्रदूषण नहीं होता है।
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इस बोट में एक बार में 30 लोग यात्रा कर सकेंगे तथा यह सरयू नदी में नया घाट से संचालित होगी। इस बोट टूर का ट्रैवलिंग ड्यूरेशन एक घंटे से लेकर 45 मिनट के आसपास रखा जाएगा जिसमें सरयू नदी के किनारे स्थित विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों व धरोहरों का दर्शन यात्री कर सकेंगे। हालांकि, बोट की ऑपरेटिंग कैपेसिटी इससे कहीं ज्यादा है और पूरी तरह चार्ज होने पर 5 से 6 घंटे तक के प्रोपल्शन टाइम फ्रेम को मैनेज किया जा सकता है।इस बोट को पुणे की सनी बोट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से असेंबल किया गया है जबकि चेन्नई की रा सोर्स प्राइवेट लिमिटेड इसमें सोलर व प्रोपल्शन पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। यूपीनेडा के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण नाथ पाण्डेय ने बताया कि यह बोट 12 किलोवॉट इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड ट्विन मोटर आधारित है।