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लखनऊ में पकड़ा गया फर्जी दारोगा, जानिए कैसे बनी उसके शौक की दिलचस्प कहानी

Lucknow  Fake Police:   लखनऊ के चिनहट में पुलिस ने एक फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया, जिसने पुलिस वर्दी पहनकर रौब झाड़ने का नाटक किया था। 22 वर्षीय युवक सोमिल सिंह जिसके पिता पुलिस विभाग में थे, नौकरी न मिलने पर अपने शौक पूरा करने के लिए यह रास्ता चुना। जानिए, कैसे उसकी इस नाटकीय हरकत की कहानी ने सबको हैरान कर दिया।

लखनऊSep 08, 2024 / 10:01 am

Ritesh Singh

lucknow fake police

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Lucknow Fake Police: लखनऊ के चिनहट इलाके में पुलिस ने शनिवार को एक फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया, जिसकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। 22 वर्षीय सोमिल सिंह, जो बहराइच के रामगांव का निवासी है, ने अपने पिता की मौत के बाद पुलिस की नौकरी न मिलने पर खुद को दारोगा के रूप में पेश करना शुरू कर दिया। पिता 1989 बैच के सिपाही थे, जिनकी 2018 में सीतापुर में ट्रेनिंग के दौरान मौत हो गई थी। नौकरी न मिलने की निराशा में सोमिल ने अपने शौक पूरा करने के लिए नकली दारोगा बनने का रास्ता चुना।
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फर्जी दारोगा ने अपने एक परिचित कांस्टेबल की वर्दी चुराई और चारबाग के एक दुकान से स्टार खरीदे। वर्दी पहनकर वह लखनऊ की सड़कों पर पुलिस अधिकारी होने का नाटक कर रहा था। इसी दौरान, अयोध्या रोड के ढाबे के पास गश्त कर रही पुलिस की नजर उसकी वर्दी पर पड़ी। पुलिस ने देखा कि उसकी वर्दी में कुछ गड़बड़ थी—उसके जूते पुलिस के नहीं थे, और वर्दी का रंग भी थोड़ा अलग था। पुलिस ने जब उसे रोका और सवाल पूछे, तो वह सही जवाब नहीं दे सका। पूछताछ के बाद उसने कबूल किया कि वह एक फर्जी दारोगा है।
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इंस्पेक्टर चिनहट अश्वनी कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि फर्जी दारोगा सोमिल ने पुलिस को बताया कि उसने वर्दी अपने परिचित से चुराई थी और बाजार से स्टार खरीदे थे। पुलिस ने उसके पास से एक फर्जी आईडी कार्ड भी बरामद किया। पूछताछ के दौरान, सोमिल ने बताया कि वह यूपीएससी की तैयारी कर रहा था और शौक में आकर उसने यह हरकत की। पुलिस ने उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
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कार सेल्समैन से दोस्ती, मॉल में फिल्में देखता था फर्जी दारोगा

सोमिल ने एक कार सेल्समैन से दोस्ती कर ली थी और अक्सर उसके साथ वर्दी में घूमता था। उसने बताया कि वह मॉल में जाकर फिल्में देखता था, लेकिन फिल्में समझ में न आने पर थिएटर से बाहर आ जाता था। इसी दौरान, पुलिस ने उसे संदिग्ध मानते हुए गिरफ्तार कर लिया।

फर्जी आईडी और वर्दी के साथ पकड़ा गया, पुलिस कर रही जांच

गिरफ्तारी के बाद सोमिल से पुलिस ने कड़ी पूछताछ की और उसके पास से फर्जी पुलिस आईडी कार्ड भी बरामद किया। पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज और सरकारी वर्दी का दुरुपयोग करने के मामले में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच जारी है और पुलिस उसकी कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। इस घटना ने पुलिस प्रशासन को सतर्क कर दिया है और फर्जी पुलिसकर्मियों की पहचान पर जोर दिया जा रहा है। सोमिल सिंह की यह दिलचस्प कहानी अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
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अन्य फर्जी दारोगा मामले?

भारत में फर्जी पुलिस अधिकारी बनने के कई मामले समय-समय पर सामने आए हैं। ऐसे लोग अक्सर पुलिस की वर्दी और पहचान का गलत इस्तेमाल करते हुए रौब झाड़ते हैं, पैसे ऐंठते हैं, या कानून के तहत छूट पाने की कोशिश करते हैं। यहां कुछ प्रमुख और दिलचस्प फर्जी दारोगा मामलों का जिक्र किया गया है:

1. दिल्ली में फर्जी दारोगा बनकर लोगों से वसूली

2022 में, दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो फर्जी दारोगा बनकर सड़कों पर लोगों से वसूली करता था। वह एक असली पुलिस अधिकारी की तरह वर्दी पहनकर चेकिंग के बहाने लोगों से पैसे वसूलता था। उसने एक नकली पुलिस आईडी भी बना रखी थी और अपनी कार पर पुलिस की स्टीकर भी लगा रखी थी। पकड़े जाने पर उसने कबूल किया कि उसने पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखा था, लेकिन असफल रहने पर उसने यह रास्ता चुना।

2. मुंबई में फर्जी पुलिस अधिकारी ने किया बैंक में फ्रॉड


2021 में, मुंबई में एक व्यक्ति को बैंक से 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर बैंक में गया और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पैसे निकाल लिए। उसने बैंक कर्मियों को भरोसा दिलाने के लिए नकली पुलिस बैज और आईडी का इस्तेमाल किया। पुलिस ने उसे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़ लिया।

3. पटना में फर्जी महिला दारोगा का मामला

2020 में पटना, बिहार में एक महिला को गिरफ्तार किया गया जो खुद को पुलिस दारोगा बताकर सरकारी दफ्तरों में अपना काम निकालती थी। उसने सरकारी आवास भी कब्जा कर लिया था। इस महिला ने अपने पड़ोसियों और जान-पहचान वालों को प्रभावित करने के लिए पुलिस वर्दी पहन रखी थी। जांच के दौरान पता चला कि उसने पुलिस विभाग की वर्दी और बैज स्थानीय दर्जी से बनवाए थे। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया और गिरफ्तार कर लिया।

4. उत्तर प्रदेश में फर्जी दारोगा बनकर अवैध वसूली का प्रयास

उत्तर प्रदेश के मथुरा में 2019 में एक व्यक्ति को फर्जी दारोगा बनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह पुलिस की वर्दी पहनकर दुकानदारों और छोटे व्यापारियों से अवैध वसूली करता था। वह खुद को सीनियर अधिकारी बताकर लोगों को डराता था। एक दिन जब उसने एक दुकानदार से वसूली की कोशिश की, तो दुकानदार को शक हुआ और उसने असली पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने जांच की और उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

5. जयपुर में फर्जी एसीपी की गिरफ्तारी

2018 में जयपुर, राजस्थान में एक व्यक्ति को फर्जी एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) बनकर कई लोगों से लाखों रुपये ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसने पुलिस अधिकारी की वर्दी पहनकर प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ संबंध बनाने की कोशिश की और उन्हें बड़े सरकारी ठेके दिलाने का वादा किया। वह एक नकली पिस्टल भी रखता था ताकि लोग उस पर शक न करें। पुलिस ने शिकायत मिलने पर जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया।

6. महाराष्ट्र में फर्जी दारोगा बनकर रिश्वत लेने का प्रयास

2017 में, महाराष्ट्र के नासिक में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया जो फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ट्रैफिक चेकिंग के दौरान लोगों से रिश्वत लेता था। उसने अपने लिए नकली पुलिस यूनिफॉर्म और आईडी कार्ड बनाए थे और वह खुद को ट्रैफिक पुलिस का सदस्य बताता था। लोगों से वाहन के कागजात और लाइसेंस दिखाने के बहाने रिश्वत मांगता था। एक दिन एक व्यक्ति ने शक होने पर पुलिस को सूचना दी और उसे पकड़ा गया।

7. चेन्नई में फर्जी पुलिस अधिकारी का बड़ा कारनामा

2016 में, चेन्नई में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया जिसने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर एक व्यापारी से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी। उसने दावा किया कि व्यापारी के खिलाफ पुलिस में कई केस दर्ज हैं और उन्हें खत्म करने के लिए रिश्वत की मांग की। पुलिस ने व्यापारी की शिकायत पर मामले की जांच की और आरोपी को पकड़ लिया।

8. फर्जी पुलिस अधिकारी बना बैंक मैनेजर का साथी

2015 में, कोलकाता में एक फर्जी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया, जिसने एक बैंक मैनेजर के साथ मिलकर बैंक के ग्राहकों से धोखाधड़ी की। वे ग्राहकों को डराते थे कि उनके खाते संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं और फिर उनसे पैसे वसूलते थे। दोनों ने मिलकर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी की थी।

फर्जी पुलिस अधिकारी के मामलों से जुड़ी मुख्य बातें:

कारण: ज्यादातर मामलों में आरोपी या तो नौकरी न मिलने पर निराश हो जाते हैं या फिर अपराध का रास्ता चुन लेते हैं।
तरीका: नकली वर्दी, आईडी कार्ड, और पुलिस के अन्य सामानों का इस्तेमाल कर लोगों को डराने और उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं।
परिणाम: असली पुलिस द्वारा सतर्कता और जनता की जागरूकता के चलते इन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाता है।
फर्जी पुलिस अधिकारी बनने के मामले कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती हैं, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से ऐसे मामलों पर काबू पाया जा रहा है।

कैसे पहचानें फर्जी पुलिस?

फर्जी पुलिसकर्मी को पहचानना महत्वपूर्ण है, ताकि आप धोखाधड़ी या अवैध वसूली का शिकार न बनें। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो आपको एक फर्जी पुलिसकर्मी को पहचानने में मदद कर सकते हैं:

1 पहचान पत्र (ID कार्ड) की जांच करें

    असली पुलिसकर्मी के पास एक आधिकारिक पहचान पत्र होता है जो आमतौर पर राज्य सरकार या संबंधित पुलिस विभाग द्वारा जारी किया जाता है।
    ID कार्ड में अधिकारी का नाम, पद, फोटो, बैज नंबर, और पुलिस स्टेशन का नाम स्पष्ट रूप से छपा होता है।
    ID कार्ड की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए कार्ड के किनारों पर हॉलोग्राम या वाटरमार्क की जांच करें। अगर ID कार्ड धुंधला, छपा हुआ, या अनौपचारिक लगे तो यह फर्जी हो सकता है।

    2 वर्दी की जांच करें

      वर्दी की स्थिति और उसकी गुणवत्ता पर ध्यान दें। असली पुलिसकर्मियों की वर्दी साफ-सुथरी, सही फिटिंग और अच्छी गुणवत्ता की होती है। फर्जी पुलिसकर्मी की वर्दी गंदी, असमान, या सस्ती सामग्री की हो सकती है।
      बैज और रैंक इंसिग्निया की जांच करें। असली पुलिसकर्मी के वर्दी पर सही स्थान पर बैज, रैंक चिह्न (जैसे सितारे, पट्टियाँ), और यूनिट नाम छपे होते हैं। अगर ये बैज गलत तरीके से लगाए गए हैं या उनकी गुणवत्ता खराब है, तो यह संदिग्ध हो सकता है।
      वर्दी का रंग भी पुलिस विभाग के नियमों के अनुसार होना चाहिए। रंग में अंतर या गलत प्रकार की वर्दी का उपयोग संकेत हो सकता है कि व्यक्ति फर्जी है।

      3 व्यवहार और बोलचाल पर ध्यान दें

        असली पुलिसकर्मी आमतौर पर पेशेवर और शालीन होते हैं। वे कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हैं और नागरिकों से संयम और सम्मान के साथ बात करते हैं।
        अगर कोई व्यक्ति धमकी देता है, गुस्से में चिल्लाता है, या अनुचित व्यवहार करता है, तो यह फर्जी होने का संकेत हो सकता है।
        आधिकारिक पुलिसकर्मी आमतौर पर रिश्वत या पैसे की मांग नहीं करते। अगर कोई व्यक्ति रिश्वत मांगता है या पैसे देने के लिए दबाव डालता है, तो उसकी पहचान की जांच करें।

        4 वाहन की जांच करें

          पुलिस के वाहन पर ‘पुलिस’ का निशान और पुलिस विभाग का नाम अंकित होना चाहिए।
          वाहन के रंग और लाइटिंग सिस्टम पर ध्यान दें। पुलिस वाहनों पर आमतौर पर लाल और नीली लाइटें होती हैं।
          अगर वाहन पर कोई छिपा हुआ स्टीकर, असामान्य नंबर प्लेट, या बिना सरकारी मान्यता के पुलिस लिखा है, तो यह फर्जी हो सकता है।

          5 संदिग्ध परिस्थितियों में सावधान रहें

            रात में बिना उचित पुलिस वाहन के और गश्त के बिना सड़कों पर खड़े पुलिसकर्मियों पर संदेह करें।
            अगर वे आपको एकांत में रुकने के लिए कहते हैं, या कोई कारण दिए बिना आपकी तलाशी लेते हैं, तो सावधान रहें।

            6 पुलिस स्टेशन से सत्यापन करें

              अगर आपको संदेह है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें और उस अधिकारी के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
              पुलिस स्टेशन का नंबर अपने फोन में सेव रखें ताकि आप तुरंत संपर्क कर सकें।

              7 कानून की अपनी जानकारी रखें

                अपने अधिकारों की जानकारी रखें। जानें कि पुलिस को किन परिस्थितियों में आपको रोकने, पूछताछ करने या तलाशी लेने का अधिकार है।
                अगर आपसे फर्जी तरीके से जुर्माना वसूलने की कोशिश की जा रही है, तो मना करें और पुलिस स्टेशन से सत्यापन की मांग करें।

                8 सीसीटीवी और कैमरे का उपयोग करें

                  अगर आपको संदेह हो, तो अपने मोबाइल फोन का कैमरा चालू करें और बातचीत रिकॉर्ड करें। यह फर्जी पुलिसकर्मी को बेनकाब कर सकता है।
                  सार्वजनिक स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी असली और नकली पुलिसकर्मी की पहचान की जा सकती है।

                  9 संपर्क में लोगों को सतर्क करें

                  अपने आसपास के लोगों को फर्जी पुलिसकर्मी के बारे में सूचित करें और उन्हें भी सतर्क रहने की सलाह दें।

                  10 सोशल मीडिया और न्यूज की मदद लें

                  कई बार फर्जी पुलिसकर्मी की खबरें या उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं। ऐसे में, स्थानीय न्यूज़ या सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से अपडेट रहना भी मददगार हो सकता है।

                  11 अगर फर्जी पुलिस का सामना हो तो क्या करें

                  शांत रहें और धैर्य रखें।
                  तुरंत असली पुलिस से संपर्क करें या पुलिस हेल्पलाइन नंबर (जैसे 100 या 112) पर कॉल करें।
                  अपने आसपास के लोगों से मदद मांगें।
                  इन संकेतों और तरीकों का पालन कर आप फर्जी पुलिसकर्मी की पहचान कर सकते हैं और खुद को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अवैध गतिविधियों से बचा सकते हैं।

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