30 दिन का तदर्थ बोनस
सरकारी आदेश के अनुसार, मैट्रिक्स लेवल-8 (47600-151100 रुपये) तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को 30 दिन का तदर्थ बोनस दिया जाएगा। इस बोनस की अधिकतम राशि 7000 रुपये तय की गई है। यदि किसी कर्मचारी की मासिक परिलब्धियां 31 मार्च 2024 तक 7000 रुपये से ज्यादा होती हैं, तो उन्हें 6908 रुपये बोनस मिलेगा। बोनस की राशि का 75% भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा, जबकि शेष 25% का नकद भुगतान होगा। जिन कर्मचारियों का भविष्य निधि खाता नहीं है, उन्हें नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के रूप में यह धनराशि दी जाएगी।
दैनिक वेतन भोगियों को भी लाभ
राज्य सरकार ने उन दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी बोनस देने का निर्णय लिया है, जिन्होंने लगातार तीन वर्षों तक हफ्ते में 6 दिन काम किया हो और प्रति वर्ष 240 दिन कार्यरत रहे हों। इनके लिए बोनस की गणना 1184 रुपये प्रति माह के आधार पर की जाएगी।
अनुशासनात्मक मामलों वाले कर्मचारियों को मिलेगा बोनस?
जिन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, उन्हें तत्काल बोनस नहीं मिलेगा। हालांकि, जब वे निर्दोष साबित होंगे, तो उन्हें बोनस दिया जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ नेता हरि किशोर तिवारी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय सराहनीय है, लेकिन लंबित मामलों वाले कर्मचारियों को भी बोनस मिलना चाहिए। तिवारी के अनुसार, निर्दोष साबित होने के बाद भी कर्मचारियों को बोनस के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा, जो अनुचित है। कौन-कौन होंगे लाभान्वित?
बोनस का लाभ अराजपत्रित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों, जिला पंचायत कर्मचारियों और दैनिक वेतनभोगियों को मिलेगा। 31 मार्च 2024 और 30 अप्रैल 2025 के बीच रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पूरा बोनस नकद दिया जाएगा।
किसे नहीं मिलेगा बोनस?
जिन कर्मचारियों को 2023-24 में अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक मुकदमे में दंडित किया गया है, उन्हें इस बोनस का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, जिनके खिलाफ विभागीय जांच लंबित है, उन्हें दोषमुक्त होने के बाद ही बोनस दिया जाएगा।