डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाई
सीएमओ कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में डेंगू के 14 नए मरीज मिले हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा चार मरीज इंदिरा नगर में पाए गए हैं। इसके अलावा, अलीगंज और आलमबाग क्षेत्रों में भी डेंगू के मामले सामने आए हैं। इसी के साथ, मलेरिया के चार मरीजों की भी पुष्टि हुई है, जिनमें से दो अलीगंज और एक-एक मरीज इंदिरा नगर और चौक में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू और मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए लगातार एंटी-लार्वा छिड़काव और फॉगिंग का दावा किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोग इसे नकार रहे हैं।
वायरल बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या
लखनऊ के विभिन्न सरकारी अस्पतालों जैसे बलरामपुर, सिविल, और लोक बंधु अस्पताल में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। मरीजों का कहना है कि बुखार अचानक तेज हो जाता है और दो से तीन दिन में धीरे-धीरे उतरता है। इसके साथ ही, शरीर में अत्यधिक कमजोरी और प्लेटलेट्स की कमी भी देखी जा रही है, जिससे मरीजों को अतिरिक्त प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है।
प्लेटलेट्स की भारी मांग
डेंगू, मलेरिया, और अन्य वायरल बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि के चलते लखनऊ के अस्पतालों में प्लेटलेट्स की मांग भी तेजी से बढ़ गई है। सरकारी अस्पतालों में प्लेटलेट्स प्राथमिकता पर दिए जा रहे हैं, लेकिन निजी ब्लड बैंक अधिक कीमत वसूल कर रहे हैं। मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि जब मरीजों की प्लेटलेट्स 50,000 से नीचे गिर जाती हैं, तो डॉक्टर तुरंत प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह देते हैं, जिसके लिए उन्हें निजी ब्लड बैंकों से प्लेटलेट्स लानी पड़ती हैं।
अस्पतालों में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी
केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, और सिविल अस्पताल में प्लेटलेट्स की मांग अत्यधिक बढ़ गई है, जिससे मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पतालों में प्लेटलेट्स की कमी के कारण मरीजों को वेटिंग में रखा जा रहा है, और उन्हें समय पर प्लेटलेट्स उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। नगर निगम की उदासीनता
शहर में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों के बावजूद नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सीएमओ कार्यालय के प्रवक्ता योगेश ने जानकारी दी कि मच्छर जनित स्थितियों के सर्वे में 13 भवन मालिकों को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा, एंटी-लार्वा छिड़काव और फॉगिंग का काम रोजाना किया जा रहा है। हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनकी कॉलोनियों में छिड़काव और फॉगिंग नहीं की जा रही है, जिससे मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही है।
सरकारी प्रयासों पर सवाल
हालांकि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन इन प्रयासों की जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। कई क्षेत्रों में फॉगिंग और एंटी-लार्वा छिड़काव नहीं हो रहा है, जिससे मच्छरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साथ ही, अस्पतालों में प्लेटलेट्स की कमी भी मरीजों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है।