यह मामला तब सामने आया जब नवंबर 2023 में मेनका गांधी की एनजीओ की शिकायत के आधार पर कुछ सपेरों को गिरफ्तार किया गया था। जांच में खुलासा हुआ कि सांप के जहर की आपूर्ति दिल्ली-एनसीआर के होटल, क्लब और अन्य बड़ी पार्टियों में की जा रही थी। इसके बाद, नोएडा में इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और एल्विश यादव की गिरफ्तारी की गई। ईडी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और राहुल यादव फाजिलपुरिया का भी नाम इसमें सामने आया।
संपत्तियों का विस्तृत विवरण तैयार
ED की जांच में यह भी सामने आया है कि एल्विश यादव और राहुल यादव की संपत्तियां कई राज्यों में फैली हुई हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय इन संपत्तियों का ब्योरा जुटा रहा है ताकि इनकी वैधता और उनके स्रोतों का पता लगाया जा सके। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही दोनों से एक साथ पूछताछ की जाएगी ताकि मामले में स्पष्टता लाई जा सके और संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सके।
जवाब देने से बचते रहे एल्विश यादव
गुरुवार को लखनऊ के ईडी के जोनल कार्यालय में पूछताछ के दौरान, एल्विश यादव ने कई सवालों पर चुप्पी साधे रखी, जिससे उनकी संलिप्तता को लेकर और संदेह पैदा हुआ। ईडी ने उनसे रेव पार्टियों से होने वाली आमदनी के बारे में भी सवाल किए, लेकिन यादव ने स्पष्ट उत्तर देने से परहेज किया।
राहुल यादव पर भी ED की नजर
राहुल यादव फाजिलपुरिया, जो कि संगीत और मनोरंजन की दुनिया में सक्रिय हैं, अब ईडी की रडार पर आ गए हैं। उनकी संपत्तियों की जांच की जा रही है और संभवत उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है। ईडी के अनुसार, दोनों व्यक्तियों की अवैध संपत्तियों और अवैध कमाई का पता लगाने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस मामले की जड़ें कितनी गहरी हैं और इसमें शामिल लोगों का क्या अंजाम होगा, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि ईडी इस बार कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है।